लॉकडाउन के दौरान पिछले 45 दिनों में पश्चिम रेलवे द्वारा
अपनी पार्सल विशेष ट्रेनों से 26 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन
घातक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के मद्देनजर, पश्चिम रेलवे के विभिन्न विभागों के कर्मचारी अपनी अनुकरणीय सेवाओं के माध्यम से अद्भुत धैर्य और प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे हमेशा अपने ग्राहकों के लिए पूरी तरह से समर्पित एवं प्रतिबद्ध रही है और इसने विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना लगातार जारी रखा है। एक अनूठी पहल के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न स्थानों तक पार्सल विशेष ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है और पिछले 45 दिनों में इन विशेष ट्रेनों के माध्यम से 26 हजार टन अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन सुनिश्चित किया गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 22 मार्च से 6 मई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा कुल 3174 रेक माल गाड़ियों का उपयोग 6.20 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 6525 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 3291 रेलगाड़ियाँ सौंपी गईं और 3234 रेलगाड़ियों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे दुग्ध टैंकरों (आरएमटी) के 171 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है। 23 मार्च से 6 मई 2020 तक, 26000 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को वेस्टर्न रेलवे द्वारा अपनी विभिन्न पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पहुंचाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय लगभग 7.82 करोड़ रु. रही है। इसके अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा बाईस दुग्ध विशेष गाड़ियों का संचालन किया गया, जिनमें लगभग 16000 टन दूध के परिवहन और वैगनों के 100% उपयोग के साथ लगभग 2.74 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 143 कोविद -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व लगभग 4.30 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि 7 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से एक दूध की रेक सहित सात पार्सल विशेष ट्रेनें छोड़ी गईं, जिनमें राजकोट – कोयंबटूर, ओखा – गुवाहाटी, दादर – भुज, बांद्रा टर्मिनस – ओखा, ओखा – बांद्रा टर्मिनस, और मुंबई सेंट्रल – फिरोज़पुर पार्सल विशेष ट्रेनें शामिल हैं। एक दूध की रेक भी पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। उन्होंने बताया कि मार्च, 2020 के बाद से 6 मई, 2020 तक उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित सम्पूर्ण पश्चिम रेलवे पर लॉकडाउन के कारण कुल नुकसान 746.57 करोड़ रुपये रहा है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 238.04 करोड़ रुपये के रिफंड की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 115.03 करोड़ रुपये का रिफंड भुगतान सुनिश्चित किया है। अब तक, 37.22 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द किये हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है। यह भी उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान 6 मई, 2020 तक 1.5 लाख से अधिक मास्क और 15000 लीटर से अधिक सैनिटाइज़र पश्चिम रेलवे के विभिन्न डिवीजनों और कारखानों द्वारा घरेलू स्तर पर बनाये गये हैं।