लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 202 पार्सल विशेष ट्रेनों में 31हज़ार टन से अधिक अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

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पहली तस्वीर सूरत स्टेशन पर चल रही पार्सल लोडिंग की है। दूसरा चित्र बांद्रा टर्मिनस पर पार्सल स्पेशल ट्रेन में आम के डिब्बों की लोडिंग का है। तीसरे चित्र में राजकोट स्टेशन पर पार्सल लोडिंग का दृश्य दिखाई दे रहा है।

पश्चिम रेलवे द्वारा COVID-19 के कारण घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनज़र देश भर में छोटे पार्सल आकारों में दवाइयों, खाद्यान्नों, चिकित्सा उपकरणों और पीपीई, मास्क और सैनिटाइजर आदि जैसी अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन को जारी रखने के लिए हरसम्भव प्रयास अच्छी तरह से सुनिश्चित किये जा रहे हैं। पश्चिम रेलवे हमेशा अपने ग्राहकों की ज़रूरतों की पूर्ति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रही है और लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपनी टाइम टेबल्ड पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में, 12 मई, 2020 तक, पश्चिम रेलवे की कुल 194 पार्सल विशेष रेलगाड़ियों ने लगभग 27000 टन वजनी वस्तुओं का परिवहन किया है। इस परिवहन के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे की कमाई 8.06 करोड़ रुपये रही है, जबकि लॉकडाउन अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे ने 23 मार्च से 12 मई, 2020 तक 202 पार्सल विशेष रेलगाड़ियों में 31 हजार टन से अधिक वजन वाली अत्यावश्यक वस्तुओं का परिवहन किया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अप्रैल, 2020 में, कुल 131 पार्सल स्पेशल ट्रेनों ने 18000 टन से अधिक का परिवहन किया, जिससे 5.74 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि चालू महीने में 12 मई, 2020 तक, 63 पार्सल विशेष गाड़ियों ने 2.32 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया और कमोडिटीज़ का वजन 8000 टन से अधिक था। इस प्रकार 23 मार्च से 12 मई, 2020 तक, 31हज़ार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 202 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से पहुॅंचाया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से कमाई 9.27 करोड़ रुपये से अधिक रही है। इस परिवहन के तहत, पश्चिम रेलवे द्वारा छब्बीस दूध की विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 19 हज़ार टन और वैगनों के 100 % उपयोग के साथ 3.26 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई। इसी प्रकार, 172 कोविद -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनसे अर्जित राजस्व 5.2 करोड़ करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 12 मई, 2020 तक कुल 3631 रेक मालगाड़ियों का इस्तेमाल 6.98 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 7391 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 3721 ट्रेनें सौंपी गईं और 3670 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। 204 मिलेनियम पार्सल रेक ऑफ पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) को दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है।
श्री भाकर ने बताया कि 13 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से छोड़ी गई दूध की रेक सहित छह पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें ओखा – गुवाहाटी, दादर – भुज, बांद्रा टर्मिनस – ओखा, ओखा – बांद्रा टर्मिनस और मुंबई सेंट्रल – फिरोजपुर विशेष ट्रेनें शामिल हैं। एक दूध की रेक भी पालनपुर से हिंद टर्मिनल तक चली। उन्होंने बताया कि मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित पश्चिम रेलवे पर लॉकडाउन के कारण कमाई का कुल नुकसान 836.51 करोड़ रुपये रहा है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 239.53 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 115.72 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक 37.38 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी धनवापसी राशि प्राप्त की है।