Shankaracharya swami swaroopanand saraswati passes away

Shankaracharya swami swaroopanand saraswati passes away: जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का हुआ निधन, जानें…

Shankaracharya swami swaroopanand saraswati passes away: स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित गोटेगांव के समीप झोतेश्वर धाम में अंतिम सांस ली

नई दिल्ली, 11 सितंबरः Shankaracharya swami swaroopanand saraswati passes away:  देश की चार प्रमुख पीठों में शामिल ज्योतिष और द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का निधन हो गया हैं। वे 99 वर्षीय थे। उन्होंने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित गोटेगांव के समीप झोतेश्वर धाम में अंतिम सांस ली। स्वामी स्वरुपानंद द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य थे।

स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था। अंतिम समय में शंकराचार्य के अनुयायी और शिष्य उनके समीप थे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म मध्यप्रदेश राज्य के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। महज नौ साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी।

इस दौरान वो उत्तरप्रदेश के काशी भी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1942 के इस दौर में वो महज 19 साल की उम्र में क्रांतिकारी साधु के रुप में प्रसिद्ध हुए थे। क्योंकि उस समय देश में अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी।

स्वामी स्वरूपानंद साल 1950 में दंडी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली। साल 1950 में ज्योतिषपीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे।

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