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New corona vaccine: अब सांसों के जरिए दी जाएगी कोरोना वैक्सीन, जानिए किस तरह करेगी काम

New corona vaccine: कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी ने सांसों के जरिए दी जानेवाली इनहेल्ड वैक्सीन तैयार की

नई दिल्ली, 15 फरवरीः New corona vaccine: पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण पर आए दिन कोई न कोई रिसर्च और स्टडी होती रहती हैं। वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन भी बना ली हैं। जिसकी बदौलत कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस महामारी से राहत मिली हैं। भारत में भी अधिकतर लोगों ने वैक्सीन लगवाई हैं। अगर आपने भी वैक्सीन लगवाई होगी तो आपको पता होगा कि ये इंजेक्शन के माध्यम से लगाई जाती हैं। किंतु कनाडा में स्थित मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने नाक के जरिए लिए जाने वाले कोरोना वैक्सीन को विकसित किया हैं। आइए जानें कि यह कैसे काम करेगी।

जर्नल सेल ने हाल ही में पब्लिश स्टडी में इसके बारे में जानकारी दी हैं। स्टडी के अनुसार मैकमास्टर यूनिवर्सिटी ने सांसों के जरिए दी जानेवाली इनहेल्ड वैक्सीन (New corona vaccine) तैयार की हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि नई इनहेल्ड वैक्सीन कोरोना के सभी वैरिेएंट्स पर कारगर साबित होगी। यह वैक्सीन सांस के जरिए ली जाएगी, इसलिए इसे एरोसॉल वैक्सीन भी कहा जाता हैं। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए यह सीधे तौर पर फेफड़ों और सांस की नली को टार्गेट करती हैं। जिससे यह काफी कारगर साबित हो सकती हैं।

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जर्नल में बताया गया है कि ये एनिमल मॉडल पर आधारित स्टडी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसे तैयार करने वाले रिसर्चर्स का कहना है कि अधिकतर वैक्सीन कोरोना के उस स्पाइक प्रोटीन को टार्गेट करती हैं जिसके जरिए यह शरीर में प्रवेश लेता हैं। वेरिएंट्स के बदलने पर वैक्सीन कम कारगर साबित हो सकती हैं, लेकिन हमारी वैक्सीन वायरस के अलग-अलग हिस्सों को टार्गेट करती हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि इस वैक्सीन से खास तरह की इम्यूनिटी विकसित होती है जो काफी हद तक कोरोना से सुरक्षा देती हैं।

कम खुराक से ही हो जाएगा काम

शोधकर्ताओं की मानें तो इनहेल्ड वैक्सीन में दवा के बहुत कम डोज की आवश्यकता पड़ती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसमें मौजूदा सुई वाली वैक्सीन के डोज की 1 प्रतिशत डोज ही काफी होगी। वहीं पिछले साल आई चीनी इनहेल्ड वैक्सीन को इंट्रावेनस वैक्सीन की तुलना में केवल पांचवे हिस्से की आवश्यकता होती हैं।

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