कक्षा 9 और 11 के बच्चों का आज स्कूल में पहला दिन, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने स्कूल जाकर किया स्वागत
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने स्कूल का दौरा किया, कोरोना से बच्चों की सुरक्षा इंतजामों का लिया जायजा
परीक्षा से पहले छात्रों की बेहतर तैयारी और काउंसलिंग जरूरी, कोरोना सुरक्षा संबंधी नियमों के पालन का निर्देश दिया : (Manish Sisodia) मनीष सिसोदिया
रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली
दिल्ली, 05 फरवरी 2021: उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आज राजकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय, गाँधी नगर का दौरा करके कक्षा 9 और 11 के बच्चों का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने कोरोना से बचाव सम्बन्धी तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने पूरे विद्यालय परिसर में सफाई के बेहतर इंतज़ाम का निर्देश दिया।
उपमुख्यमंत्री (Manish Sisodia) ने कहा की हम ‘ज़ीरो केस डे’ का इंतज़ार नही कर सकते,लंबे समय बाद अब सामान्य ज़िंदगी की और लौटना ज़रूरी है। दसवीं एवं बारहवीं के बच्चों ने कोरोना के सभी नियमों का पालन करते हुए यह विश्वास दिलाया है कि हम बाकी क्लासों के लिए भी धीरे-धीरे स्कूलों को खोल सकते है। हमें भरोसा है कि बच्चें कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन करते हुए अपनी पढ़ाई करेंगे।
उपमुख्यमंत्री (Manish Sisodia) ने कहा कि दसवीं और बारहवीं के लिए विद्यालय शुरू होने का अभिभावकों पर भी सकारात्मक असर हुआ और अभिभावकों के आग्रह पर आज नौवीं और ग्यारहवीं कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जा रहे है। स्कूलों का खुलना यह संकेत करता है कि अब ज़िंदगी पटरी पर लौट रही है। कोरोना की चुनौती को ध्यान रखते हुए स्कूलों का खोलना हमारी ज़िम्मेदारी है क्योंकि दिल्ली सरकार का लक्ष्य दिल्ली के बच्चों को ज़िंदगी के लिए तैयार करना है।आज स्कूलों की रौनक लौट रही है। बच्चों को प्रैक्टिकल करते हुए देखकर खुशी हो रही है।
स्कूल दौरे के समय उपमुख्यमंत्री (Manish Sisodia) ने बच्चों से भी बात की। बच्चों ने बताया कि स्कूलों के दोबारा खुलने से उनके अभिभावक काफ़ी खुश है।बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री ने बच्चों से परीक्षा के विषय में चर्चा की तो सभी विद्यार्थियों ने एक स्वर में उपमुख्यमंत्री से ऑफ़लाइन परीक्षा करवाने की मांग की। ताकि वह आगामी कक्षाओं के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सके।
श्री सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पुरानी परम्परा को तोड़ते हुए दिल्ली के जर्जर पड़े सरकारी स्कूलों को वर्ल्ड क्लास स्कूलों में बदला पर केंद्र सरकार द्वारा गोपनीय तरीके से मंजूरी दिए गए बिल द्वारा उपराज्यपाल को सारे निर्णयों को लेने का अधिकार देकर दिल्ली के स्कूलों के विकास को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
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