लॉकडाउन के कारण कामगारों की कमी होने के बावज़ूद आगामी मानसून सीज़न के लिए पश्चिम रेलवे है तैयार
आगामी मानसून के दौरान गाड़ियों का सुचारू संचालन और अबाधित सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम रेलवे पर मानसून पूर्व तैयारियों का कार्य लॉकडाउन के बावजूद बड़े पैमाने पर चल रहा है। पश्चिम रेलवे ने मानसून पूर्व अपनी तैयारियों को अत्यंत विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लगातार जारी रखा है, ताकि जब कोरोना वायरस के कारण लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को हटाया जाये, तो बिना किसी समस्या के रेलगाड़ियों का निर्बाध परिचालन हो सके। पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय खंड पर हर साल भारी बारिश के कारण होने वाले जल-जमाव को मद्देनज़र रखते हुए मानसून के दौरान लोकल ट्रेनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इन मानसून पूर्व कार्यों के अंतर्गत कलवर्टों को साफ करने, उनमें से गंदगी, कीचड़ आदि निकालकर उन्हें गहरा करने, किनारे की नालियों को भी साफ करके उन्हें गहरा करने, हाई पावर डीज़ल और इलेक्ट्रिक पंपों को संस्थापित करने तथा इंफ्रास्ट्रक्चर का विशेष अनुरक्षण करने आदि कार्य मुख्य रूप से शामिल हैं। कलवर्टों की सफ़ाई करने का कार्य 10 जून, 2020 और नालियों की सफाई का कार्य 5 जून, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। नियमित फील्ड कर्मचारियों का केवल 10 से 15% कार्यबल उपलब्ध होने के बावज़ूद यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मुंबई उपनगरीय सेक्शन चर्चगेट – विरार के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार मानसून पूर्व तैयारियों से सम्बंधित महत्वपूर्ण कार्य तयशुदा समय पर पूरे हो जायें।
मानसून के लिए की गई और की जाने वाली मानसून पूर्व विशेष कार्रवाई:
● विद्यमान 55 कलवर्टों की सफाई से पूर्व सम्बंधित महानगरपालिकाओं अर्थात एमसीजीएम, एमबीएमसी तथा वीवीसीएमसी के साथ संयुक्त निरीक्षण का कार्य पूर्ण किया गया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण श्रमशक्ति की कमी के बावजूद भी 6 कलवर्टों की सफाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष कलवर्टों की सफाई का कार्य 10 जून, 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
● 5 जून, 2020 तक कुल 41 किलोमीटर लम्बे नालों की सफाई का कार्य पूर्ण किया जायेगा, जिनमें से 5.5 किलोमीटर (14%) नालों की सफाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
● पश्चिम रेलवे ने आवश्यक स्थानों पर 153 डीज़ल एवं इलेक्ट्रिकल पम्प उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। 10 मई, 2020 से इन पम्पों को लगाने का कार्य प्रारम्भ किया जाएगा तथा 5 जून, 2020 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
● जेसीबी, पोकलेन, मानव श्रम एवं कीचड़ वहन करने हेतु विशेष रूप से मॉडिफाइड ईएमयू ‘मक ट्रेन’ द्वारा अब तक 2,50,000 क्यूबिक मीटर कीचड़ / कूड़ों को हटाया गया है। इस कार्य को 30 मई, 2020 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है।
● ट्रैक टेंपिंग मशीन के उपयोग द्वारा 32.581 किलोमीटर ट्रेक को 50 – 150 एम एम तक ऊॅंचा किया जाना है। यह कार्य प्रगति पर है तथा 30 मई, 2020 तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा।
● रेलवे ने 10 ऑटोमेटिक रेन गेज उपलब्ध कराई है। साथ ही 36 फ्लड गेज भी उपलब्ध कराने की योजना है। कार्य प्रगति पर है तथा 25 मई, 2020 तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
● मानसून के दौरान वर्षा के जल की सुप्रवाही तरीके से निकासी कराने हेतु वसई – विरार खंड में माइक्रो टनलिंग पद्धति के उपयोग से अतिरिक्त जल निकास द्वार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
● ट्रैक के नज़दीक मौजूद आघात सम्भावित वृक्षों की कटाई और काट-छाॅंट के लिए नगर निगम एवं पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त सर्वेक्षण किया जा रहा है। अब तक कुल 76 आघात सम्भावित वृक्षों की पहचान की गई है और 158 वृक्षों की छॅंटाई की गई है। ज़रूरी कटाई एवं छॅंटाई का कार्य 30 मई, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
● चर्चगेट- विरार सेक्शन के बीच ट्रैक सर्किट एवं यार्डों का संयुक्त निरीक्षण भी किया जा रहा है और इसे भी 30 मई, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
● पवई लेक, विहार लेक, तुलसी लेक का निरीक्षण राज्य सरकार के प्राधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से पूरा कर लिया गया है।
● मानसून के दौरान ट्रेनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रिक उपस्करों के अनुरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें इंसुलेटर्स की साफ-सफाई, एफओबी / आर ओ बी पर लगे हुए प्रोट्रैक्टिव स्क्रीनों की जाॅंच, काॅंटेक्ट एवं कैटनरी वायर एवं अर्थिंग की सुरक्षा का कार्य शामिल है। अब तक कुल 1395 इंसुलेटर्स की साफ सफाई की जा चुकी है।
● पक्षियों की ब्रीडिंग का समय होने के कारण यह देखा गया है कि पक्षी ओ एच ई स्ट्रक्चर्स में घोंसले बनाया करते हैं। फुट – पेट्रोलिंग एवं लाइव लाइन इंस्पेक्शन के दौरान इन घोंसलों की पहचान की गई है तथा उन्हें वहां से हटा दिया गया है। अब तक कुल 454 घोंसले हटाए जा चुके हैं।
● अधिकांश उपनगरीय खंड में ओएचई अनियमित है और तापमान भिन्नता के कारण, क्रॉस ओवरों के ओवरहेड वायर में गड़बड़ी हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए टॉवर वैगन द्वारा सभी क्रॉस ओवरों की हॉट लाइन की जाॅंच की गई और 22 क्रॉस ओवरों को पावर ब्लॉकों में समायोजित किया गया।
● पश्चिम रेलवे ने अपने ईएमयू उपनगरीय रेकों के मानसून सम्बंधी रखरखाव का कार्य भी शुरू कर दिया है, जिसमें ईएमयू कोचों के बिजली उपकरणों में सम्भावित रिसाव का पता लगाना एवं उसको सुधारना, खिड़कियों और दरवाजों का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करना आदि शामिल है। कोचों की छत और इंसुलेटरों की सफाई का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
● मानसून की शुरुआत से पहले विभिन्न सिगनलिंग गियर्स की इंसुलेशन टेस्टिंग पूरी हो जाएगी और जहाॅं भी आवश्यक हो, मरम्मत / प्रतिस्थापन किया जाएगा।
● ईएमयू रेकों के मानसून रखरखाव से सम्बंधित कार्य में मोटरमैन / गार्ड कैब लुकआउट ग्लास की सीलिंग, कोचों की छत के जोड़ों की सीलिंग, हाई वोल्टेज उपकरणों की एंट्रियों की सीलिंग और अंडरफ्रेम में उपकरणों की सीलिंग भी शामिल है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण ईएमयू कार शेड, मुंबई सेंट्रल में केवल न्यूनतम कर्मचारियों द्वारा उनके समर्पित और अथक प्रयासों से 29 रेकों पर इस कार्य को पूरा कर लिया गया है और शेष कार्य को 31 मई, 2020 तक पूरा करने की योजना है।
श्री भाकर के अनुसार उल्लेखनीय है कि देशव्यापी लॉकडाउन होने के कारण ड्यूटी पर मात्र 10-15% कर्मचारियों के उपलब्ध होने की वजह से कार्यबल में भारी कमी होने के बावजूद पश्चिम रेलवे ने ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देते हुए अपनी शानदार कार्य शैली को बरकरार रखा है। लॉकडाउन समाप्त कर दिए जाने की स्थिति में रेलगाड़ियों
का सुगमतापूर्वक संचालन सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम रेलवे के इन कर्मचारियों द्वारा कड़ी मेहनत के साथ किए गए इन कार्यों से उनकी सच्ची कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण की भावना झलकती है।