Uttarakhand Rivers

6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: उत्तराखंड में 6 प्रदूषित नदियों के पुनरुद्धार के लिए नई परियोजनाओं की मंजूरी

6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: उत्तराखंड की 6 प्रदूषित नदियों के पुनरुद्धार के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी दी

नई दिल्ली, 18 जुलाईः 6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने आज एनएमसीजी की 36 वीं कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता की और उत्तराखंड की 6 प्रदूषित नदियों के पुनरुद्धार के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी दी।

6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: इन नदियों के प्रदूषित हिस्सों के लिए उत्तराखंड राज्य मिशन के प्रस्तावों की एनएमसीजी द्वारा समीक्षा की गई और इन्हें अंतिम रूप दिया गया और इन योजनाओं पर विचार के लिए आज चुनाव आयोग के पास भी प्रस्ताव को भेजा गया। स्वीकृत की गई परियोजनाओं के तहत इंटरसेप्शन एंड डायवर्जन (आई एंड डी) और 6 एसटीपी का कार्यशामिल हैं। प्रदूषित हो चुकी भेला, ढेला, किच्छा, कोसी, नंधौर, पिलाखर और काशीपुर नदियों को फिर से जीवंत किया जाएगा।

6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: सीवेज योजना चरण-1 के तहत उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 199.36 करोड़ रूपये की लागत वाले कुल 17 नालों में बहने वाली पानी को रोककर 6 एसटीपी की ओर परिवर्तित किया जाएगा। इन एसटीपी की कुल 30.30 एमएलडी की ट्रीटमेंट क्षमता है।

Whatsapp Join Banner Eng

परियोजनाओं कुमाऊं क्षेत्र में 6 प्रदूषित नदियों को कवर करेगी। शेष 3 प्रदूषित हिस्सों में से गंगा परियोजना के तहत हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित हिस्सों को पहले से ही चालू कर दिया गया है और शेष दो हिस्सों पर नमामि गंगे परियोजना के तहत कार्य पहले से ही चल रहा है। इन परियोजनाओं के शामिल होने के साथ उत्तराखंड राज्य की नदियों के सभी प्रदूषित हिस्सों को प्रदूषण उन्मूलन परियोजनाओं के तहत कवर कर लिया गया है।

6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: परियोजना का एक और महत्वपूर्ण और प्रगतिशील हिस्सा व्यापक रूप से कीचड़ प्रबंधन व्यवस्था और इन सभी एसटीपी में सेप्टेज का सह-ट्रीटमेंट हैं। प्रदूषित हिस्सों के लिए राज्यों की कार्य योजना की प्रगति की समीक्षा केंद्रीय निगरानी समिति द्वारा की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी हाल ही में इन परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा की और राज्य सरकार के भी मंत्री इस समीक्षा में शामिल हुए।

क्रम संख्यानदी का नामआई एंड डी के तहत नालों का ट्रीटमेंटएसटीपी की संख्या(स्थान)क्षमता(एमएलडी)क्षेत्र शामिल
1भेला22(जशपुर, हेमपुर इस्माइल)3.00काशीपुर से राजपुर टांडा
2ढेला43(काशीपुर, बेलीजुड़ी, गुलरिया )10.80काशीपुर से गढ़वाला ठाकुर द्वारा
3किच्छा (गोला)61 (किच्छा शहर)3.00किच्छा के साथ
4कोसी31 (मुकुंदपुर)0.50सुल्तानपुर से पत्तीकलन
5नंधौर11 (सितारगंज)3.00सितारगंज के साथ
6पिलाखर11(बाजपुर)10.00बाजपुर का डाउनस्ट्रीम
कुल170930.30 

6 Polluted Rivers Of Uttarakhand: नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा के किनारे प्रदूषण कम करने के लिए उत्तराखंड में गंगा के कस्बों की सीवेज परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और मिशन, प्रदूषित हिस्सों पर प्राथमिकता के साथ गंगा की सहायक नदियों के कायाकल्प पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। देश में नदियों के प्रदूषित हिस्सों की पहचान करने वाली सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में कुल 9 प्रदूषित हिस्से थे और उनमें से 6 हिस्से जिला उधम सिंह नगर में विभिन्न सहायक नदियों या भेला, ढेला, किच्छा जैसी छोटी नदियों पर थे।

Whatsapp Join Banner Eng

नंधौर, पिलंखा और कोसी और 02 (दो) हिस्से रिस्पना-बिंदल और सुसवा पर थे। जिन्हें आई एंड डी रिस्पना-बिंदल परियोजना में शामिल किया जा रहा है जो नमामि गंगे कार्यक्रम हिस्सा हैं। जबकि 01 (एक) हिस्सा, डाउनस्ट्रीम जगजीतपुर मुख्य नदी गंगा पर था जो पहले से ही जगजीतपुर एसटीपी परियोजना का हिस्सा है।

बैठक के दौरान एनसीजी के कार्यकारी निदेशक ईडी (प्रोजेक्ट्स) अशोक कुमार सिंह,  ईडी (वित्त) रोजी अग्रवाल, ईडी (तकनीकी) डीपी मथुरिया और स्वच्छ गंगा मिशन के राज्य परियोजना निदेशक उदय राज सिंहभी उपस्थित थे।

क्या आपने यह पढ़ा.. Air Force Parade: एयरफोर्स स्टेशन चांदीनगर के गरुड़ रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर में मरून बेरेट सेरिमोनियल परेड