125th Birth Anniversary of Netaji: नेताजी ने नए भारत के पराक्रम की यशोगाथा लिखी: प्रफुल्ल केतकर
वर्धा, 23 जनवरी: 125th Birth Anniversary of Netaji: वरिष्ठ पत्रकार, आर्गनाइर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना अनूठा योगदान दिया और नए भारत के पराक्रम की यशोगाथा लिखी. केतकर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर (23 जनवरी) ‘पराक्रम के महानायक नेताजी’ विषय पर आयोजित ऑनलाईन संगोष्ठी में बतौर मुख्यवक्ता उद्बोधन दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने की.
केतकर ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस गांधी जी के सच्चे अनुयायी थे. उनके पराक्रम का पहला चरण कोलकाता से बर्लिन तक की संघर्षमय यात्रा का था. उन्होंने भारत के बाहर भारत की स्वतंत्रता का शंखनाद किया और जर्मनी से जपान तक अपने आंदोलन का विस्तार किया. आज़ाद हिंद फौज का नेतृत्व कर नेताजी ने देश को स्वतंत्र, स्वाभिमानी एवं समरसता पूर्ण समाज का रास्ता बताया. केतकर जी ने कहा भारत की स्वतंत्रता को लेकर नेताजी की दृष्टि बहुत व्यापक थी. इस दिशा में उन्होंने थाइलैंड, वर्मा और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को आजाद हिंद फौज में स्थान दिया. समुद्र मार्ग से बर्मा पहुंचकर दिल्ली चलो का नारा दिया और ब्रिटिशों को टक्कर दी.
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उन्होंने कहा कि नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो शुरू कर बर्लिन से टोकियो तक पराक्रम की विजयगाथा का संचार किया. पूर्वोत्तर को भारत का प्रवेशद्वार मानते हुए नेताजी ने वहाँ के लोगों में अपनी मातृभूमि के लडने का विश्वास और स्वतंत्रता की नई चेतना पैदा की. आज के संदर्भ में नेताजी के पराक्रम को पुनर्भाषित करने की आवश्यकता है.

अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का उत्सव नेताजी की जयंती से प्रारंभ हो रहा है. उन्होंने कहा कि नेताजी की पहचान अभी तक भारत के सपूत के रूप में नहीं हो सकीं है. नेताजी ने पूर्वी भारत और जापान को ठीक से समझा था. उनका मानना था कि भारत पराक्रम से ही आजाद होगा. भारत को श्रेष्ठ राष्ट्र बनाने में नेताजी का बहुमुल्य योगदान रहा है. कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि नेताजी के पत्र व्यवहार और लेखन पर काम नहीं हुआ है, विश्वविद्यालयों ने इसके लिए आगे आने की जरूरत है. उन्होंने इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने की सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे नेताजी के विचारों की वापसी हो रही है.
कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने नेताजी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर अभिवादन किया. कार्यक्रम का स्वागत और प्रास्ताविकी वक्तव्य जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने दिया। कार्यक्रम का प्रारंभ आजाद हिंद फौज के पराक्रम गीत कदम कदम बढाएं जा से तथा समापन आजाद हिंद फौज के कुलगीत से किया गया.
संचालन चीनी भाषा के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिर्बान घोष ने किया. आभार कोलकाता क्षेत्रीय केंद्र के प्रभारी डा. ज्योतिष पायेंग ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल सहित अध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी ने बड़ी संख्या में जुड़े थे.