Violence in Manipur

Violence in Manipur: मणिपुर में हिंसा के बाद सेना की तैनाती, यहां जानें क्या है पूरा विवाद…

Violence in Manipur: अब तक 7,500 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

नई दिल्ली, 04 मईः Violence in Manipur: मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान भारी हिंसा हो गई। इस हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया हैं। सेना के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, अब तक 7,500 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया हैं।

उन्होंने कहा कि, अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि, रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया और पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर काबू पा लिया। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है।

मणिपुर के सभी 10 जिलों में मार्च निकाला था

मालूम हो कि बुधवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले मणिपुर के सभी 10 जिलों में मार्च निकाला था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारी मैती समुदाय को जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं।

बीती 19 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सरकार को मैती समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए और हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया है। फैसले के विरोध में मणिपुर के बिशनुपुर और चूराचांदपुर जिलों में हिंसा हुई है। हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए सरकार ने राज्य में पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से की बात

मणिपुर के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है। रैपिड एक्शन फोर्स की कई कंपनियां भी मणिपुर भेजी गई हैं। भारतीय वायुसेना के विमानों से आरएएफ के जवानों को मणिपुर भेजा गया है।

साथ ही मणिपुर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान पहल से ही तैनात हैं। भारतीय सेना की असम राइफल्स के जवान मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रहे हैं। अभी तक 7500 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। 

क्या है विवाद

बता दें कि मणिपुर में मैती समुदाय के लोगों की संख्या करीब 60 प्रतिशत है और ये समुदाय इंफाल घाटी और उसके आसपास के इलाकों में बसा हुआ है। मैती समुदाय का कहना है कि राज्य में म्यांमार और बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मौजूदा कानून के तहत उन्हें राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है। यही वजह है कि मैती समुदाय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें जनजातीय वर्ग में शामिल करने की गुहार लगाई थी।

क्या आपने यह पढ़ा… Army Helicopter crash in Jammu: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में सेना का हेलिकॉप्टर हुआ क्रैश

Hindi banner 02
देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें