mantas hesthaven g1WdcKcV3w unsplash

एक नये सफर पर जाना है जहाँ खुद को भूल जाना है।

Dilip Bachani
डॉ दिलीप बच्चानी
पाली मारवाड़,राजस्थान।

एक नये सफर पर जाना है
जहाँ खुद को भूल जाना है|

बस उसी मे दिल लगाना है
बस उसी मे डूब जाना है |

तेरी रहमत से है जहाँ रोशन
तेरी बारीश मे भीग जाना है |

कयू न हँसू उदास कयू मैं रहूं
मुझे पता है उसने फिर हँसाना है |

मैं भी उसी का एक कतरा हूँ
उस मे ही फिर समानां है |

~~डॉ दिलीप बच्चानी~~

*हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारे पाठक अपनी स्वरचित रचनाएँ ही इस काव्य कॉलम में प्रकाशित करने के लिए भेजते है। अपनी रचना हमें ई-मेल करें writeus@deshkiaawaz.in

Banner Still Hindi