पराली जलाने की वजह से हर वर्ष प्रदूषण होता है, इससे किसान भी परेशान हैं।
IARI के वैज्ञानिकों द्वारा एक तकनीक तैयार की गई है – बायो डिकंपोज़र। आज इसका निरीक्षण किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे किसानों को पराली नहीं जलानी पड़ेगी, पराली से खाद बनेगी और उनकी उपज भी बढ़ेगी। pic.twitter.com/N7s2UQyRaU