Kashi Tamil Sangamam: वाराणसी के नमोघाट पर काशी तमिल संगमम् का हुआ भव्य शुभारम्भ
Kashi Tamil Sangamam: 15 दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह मे मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री डॉ एल मुरुगन के साथ ही तमिलनाडु और पुदुचेरी के राजयपाल के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई मंत्री गण थे उपस्थित
- Kashi Tamil Sangamam: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय मामलों के राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
- काशी तमिल संगमम् से काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों से स्थापित सांस्कृतिक संबंध हो रहा है और मजबूत: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य राज्यमंत्री, डॉ. एल. मुरुगन
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 02 दिसम्बर: Kashi Tamil Sangamam: नमो घाट के मंच पर काशी तमिल संगमम का भव्य उद्घाटन हुआ. समारोह के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, डॉ एल मुरुगन, तमिलनाडु और पुडूचेरी के राजयपाल, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गण उपस्थित थे. नमो घाट को आज विशेष रूप से सजाया गया था. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा विभिन्न विभागों के द्वारा लगाये गये स्टाल आकर्षण के केंद्र रहे.
अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय मामलों के राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने नमो घाट पर काशी तमिल संगमम् 4.0′ में “काशी एवं तमिल की संस्कृति, महान व्यक्तित्वों एवं केंद्र सरकार के जन कल्याणकारी नीतियों” विषय पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इकाई केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 2, 2025
अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम्’ का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की एक महत्वपूर्ण पहल है। आपने ने कहा कि इससे जहां एक ओर काशी और तमिल की संस्कृति को आपस में जानने का अवसर मिलता है वहीं दूसरी ओर इससे हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता को और अधिक मजबूती मिलती है। डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम्’ प्रत्येक वर्ष अलग – अलग विषयों पर आयोजित किया जाता है, यह काशी तमिल संगमम् का चतुर्थ संस्करण है तथा इसका विषय है ‘तमिल करकलाम’ जिसका अर्थ है आइए तमिल सीखें। केंद्रीय मंत्री ने कहा इस प्रकार के आयोजन से काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों से स्थापित सांस्कृतिक संबंध और भी मजबूत होंगे।
'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का जीवंत प्रतीक है 'काशी तमिल संगमम्'… pic.twitter.com/CBCdFLIysU
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 2, 2025
काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने वाले ‘काशी तमिल संगमम्’ के इस चतुर्थ संस्करण में केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा लगायी गयी चित्र प्रदर्शनी में तमिलनाडु एवं काशी की महान विभूतियों के राष्ट्र निर्माण में योगदान एवं उनकी उपलब्धियां को दर्शाया गया है। चित्र प्रदर्शनी में तमिलनाडु की महान विभूतियों जैसे ऋषि अगस्त्य, तमिल महिला कवि संत अव्वैयार, तमिल कवि संत तिरुवल्लुवर, कवयित्री और संत कारैकल अम्माइयार, भक्ति आंदोलन की कवि एवं संत अंडाल (कोधाई), थिरूनावुक्कारसर, तमिल कवि और समाज सुधारक श्री रामलिंग स्वामी (वल्लालर), तमिल विद्वान यू. वी. स्वामीनाथ अय्यर, अग्रणी समाज सुधारक, चिकित्सक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, ब्रिटिश भारत में पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी, गणितज्ञ श्री निवास रामानुजन, अविष्कारक और उद्योगपति जी.डी. नायडू, खगोलशास्त्री सुब्रमण्यम चंद्रशेखर, भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, नोवेल पुरस्कार विजेता वेंकटरामन रामकृष्णन, स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं महान दार्शनिक डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, नोबेल पुरस्कार विजेता एवं महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सुप्रसिद्ध राजनेता एवं भारत रत्न के. कामराज, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं सुप्रसिद्ध राजनेता चिदंबरम सुब्रमण्यम, महान अभिनेता एवं राजनेता एम. जी. रामचंद्रन इत्यादि के जीवन दर्शन को चित्रों एवं शब्दों में दर्शाया गया है।
इसी प्रकार काशी की महान विभूतियां जैसे संत कबीरदास, संत रविदास, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय, सुप्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान, विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकार पंडित रविशंकर, महान साहित्यकार जयशंकर प्रसाद इत्यादि के जीवन दर्शन को चित्रों शब्दों के माध्यम से दर्शाया गया है।

चित्र प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में किये जा रहे सरकार के जन कल्याणकारी नीतियों, प्रयासों एवं योजनाओं को भी दर्शाया गया है। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा हाल में श्रम सुधार के लिए बनाये गये कानूनों, विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी के दरों को कम करने के लिये किए गये प्रयासों की जानकारी दर्शकों और जनसामान्य के लिए प्रदर्शित की गई है। यह प्रदर्शनी जनता के दर्शन के लिये 15 दिसंबर तक निरंतर रहेगी।


