Mount Abu Chaurasi Bhil Samaj: रामदेवरा की पदयात्रा के लिए माउंट आबू के चौरासी भील समाज का जत्था हुआ रवाना
Mount Abu Chaurasi Bhil Samaj: महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए ढोल-थाली बजाकर पैदल जत्थे के सदस्यों का स्वागत किया
रिपोर्टः किशन वासवानी
माउंट आबू, 24 अगस्तः Mount Abu Chaurasi Bhil Samaj: राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली सहित देश भर में ख्याति प्राप्त बाबा रामदेव की समाधि स्थल की यात्रा का क्रम प्रारंभ हो चला हैं। आराध्य देव व लोक देवता बाब रामदेव की यात्रा के लिए माउंट आबू के चौरासी भील समाज के पैदल पद यात्रा के लिए जाने वाले जत्थे को चाचा म्यूजियम चौराहा पर चौरासी भील समाज के लोगों ने मंगलवार की सुबह ढोल-थाली बजाकर स्वागत किया।
Mount Abu Chaurasi Bhil Samaj: रामदेवरा की पैदल यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को माला पहनाकर व तिलक लगाकर विदाई दी गयी। इस अवसर पर पप्पू जैसा जी डगला, मुकेश पूरा राम, सावन मोहन, भावेश अर्जुन, विष्णु नारायण, निलेश जैसा, हरीश मगन, अजीत दिलीप समेत अन्य जाने वाली पैदल जत्थे को समाज के लोगों ने भाव बिना सत्कार किया।
Mount Abu Chaurasi Bhil Samaj: महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए ढोल-थाली बजाकर पैदल जत्थे के सदस्यों का स्वागत किया। इस अवसर पर चौरासी भील समाज माउंट आबू के सरपंच राजकुमार परमार, शंकर बुरबट अशोक भाई लेप्पा राम प्रेमाराज अर्जुन मनीष लक्ष्मण सहित अन्य समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का देशभर से राजस्थान के जैसलमेर में रामदेवरा में स्थित अराध्य देव बाबा राम देव, रामसा पीर की समाधि स्थल के दर्शन का क्रम चलता रहता हैं। भ्रादवा माह यानी शुक्ल पक्ष से दशमी तक राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित बाबा रामदेव, रामदेवरा की यात्रा अपने आप से एक अलग ही दिखती हैं।
बाबा रामदेव की समाधि स्थल पर भव्य मेला ओर ध्वजा लेकर के अति लाखों श्रद्धालुओं का जत्था सभी को आकर्षित करता हैं। भाद्रवा माह में देश भर पांच राज्यों में आराध्य देव बाबा रामदेव रामदेवरा की यात्रा में आते-जाते श्रद्धालुओं के लिए लंगर, जलपान सहित विश्राम की व्यवस्था अपने-आप आरंभ हो जाती हैं। सभी समाज के वर्ग इसमें अपना सहयोग देते हैं। ऐसी सभ्यता व सांस्कृतिक विरासत के कारण ही इस देश में आपसी सौहार्द बना रहता हैं। यहीं हैं वह जीवन्त तस्वीर जो विविधता में एकता का एक अलग नजारा प्रस्तुत करती हैं।
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