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Livable Cities of Tomorrow: प्री-वाइब्रेंट समिट कार्यक्रम “लिवेबल सिटीज ऑफ टुमारो” की मेजबानी करेगा गुजरात

Livable Cities of Tomorrow: मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और भारत सरकार में आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर कार्यक्रम में रहेंगे उपस्थित

गांधीनगर, 13 दिसंबर: Livable Cities of Tomorrow: वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (VGGS) के आगामी 10वें संस्करण से पहले, गुजरात सरकार के शहरी विकास एवं शहरी आवास विभाग, अहमदाबाद नगर निगम और अन्य भागीदार संगठनों के सहयोग से 15 दिसंबर को गांधीनगर में “लिवेबल सिटीज ऑफ टुमारो” प्री-इवेंट सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर के साथ प्री-इवेंट सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में NIUA, C40, CEDAI, AIILSG, ICLEI, CEPT, UNICEF इंडिया, वर्ल्ड बैंक, एलुवियम ग्रुप, सिटी ब्लॉब, विभिन्न नॉलेज फॉरम, शिक्षाविदों और अनुसंधान संगठनों से कई प्रतिष्ठित वक्ता शामिल होंगे।

कार्यक्रम में शामिल होने वाले वक्ताओं की प्रतिभागिता, वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन को एक नई दिशा प्रदान करेगी। इससे हमारे शहरों की जीवंतता को बढ़ाने के लिए आवश्यक विज़न और अहम पहलों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

VGGS 2024 से पहले, गुजरात सरकार ने सिरामिक, टेक्सटाइल, शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप इकोसिस्टम, बायो टेक्नोलॉजी, कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग और टूरिज़्म जैसे क्षेत्रों में 8 प्री-वाइब्रेंट सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किए हैं। एक नागरिक-केंद्रित राज्य होने के नाते, गुजरात “लिवेबल सिटीज़ ऑफ़ टुमारो” की दिशा में हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। आज दुनिया भर में शहरीकरण तेज़ी से बढ़ रहा है।

विश्व की आधी से अधिक आबादी आज शहरों में रहती है। कई अनुमानों से ऐसा संकेत मिलता है कि साल 2050 तक शहरों में दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी निवास करेगी। एक तरफ़ जहां शहर, ग्लोबल GDP में अहम योगदान देते हुए विकास, व्यापार और संस्कृति के ग्रोथ इंजन के रूप में काम करते हैं, वहीं दूसरी ओर शहरों को ग्रीन हाउस गैस एमिशन, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक-आर्थिक भेदभाव और रहने की सघन स्थिति जैसी कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है।

शहरों में रहने वाली आधी से अधिक वैश्विक आबादी के साथ आने वाले समय में शहरीकरण बढ़ता रहेगा और साल 2050 तक दो-तिहाई तक पहुंच जाएगा। विकास के लिए शहरीकरण आवश्यक तो है लेकिन इसके बावजूद उन्हें कार्बन-उत्सर्जन और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। गुजरात जिसे इंडस्ट्रियल पावरहाउस के रूप में जाना जाता है, स्मार्ट निवेश के माध्यम से बेहतर शहरी विकास का उदाहरण पेश कर रहा है।

इको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट और वेस्ट प्रैक्टिसस के साथ-साथ लैंड-पूलिंग और ट्रांज़िट-ओरिएंटेड विकास जैसी पहलें, गुजरात की सस्टेनेबल सिटीज़ बनाकर विकास का संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती हैं। उल्लेखनीय है कि, गुजरात में लगभग 48% शहरीकरण है, और यह आंकड़ा वर्ष 2035 तक 60% से अधिक होने का अनुमान है।

गुजरात, शहरी विकास के लिए सक्रिय रूप से सस्टेनेबल मॉडल्स को अपना रहा है। संतुलित शहरीकरण करने के लिए गुजरात, अर्बन-प्लानिंग, डिज़ाइन, वेस्ट मैनेजमेंट और अधिक से अधिक ग्रीन स्पेस का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। GIFT सिटी और ड्रीम सिटी जैसी उल्लेखनीय पहलें फ्यूचरिस्टिक अर्बनाइज़ेशन के लिए गुजरात की समर्पित प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं। यह सम्मेलन, विभिन्न शहरों और इनोवेटर्स के लिए उनके काम को प्रदर्शित और VGGS 2024 के लिए आगामी आर्थिक और व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।

सिटी लिबेबिलिटी की क्षमता बढ़ाने वाले संगठनों के 15 पैनलिस्टों सहित लगभग 800 ग्लोबल प्रतिभागियों के साथ, इस सम्मेलन का उद्देश्य सिटी लीडर्स (Mayor, Deputy Mayor, Municipal Commissioner), प्रैक्टिशनर, शिक्षाविदों, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और नॉलेज सीकर्स को एकजुट करना है।

तीन-सत्र वाले इस सम्मेलन में, रहने योग्य शहरों (liveable cities) को डिजाइन करने से लेकर सस्टेनेबल फाइनेसिंग इस्ट्रूमेंट्स, डिजिटलाइजेशन, लिवेबिलिटी को मापने और निवेश योग्य शहरों जैसे अहम विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हमारे माननीय मुख्यमंत्री, भूपेन्द्र पटेल की सम्मानित उपस्थिति में ऊंची इमारतों से जुड़े अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

यह MoU, नए और सुरक्षित शहरी विकास के लिए गुजरात की प्रतिबद्धता में एक नया अध्याय होगा। इसके अलावा, “GujFireSafetyCoP” का लॉन्च किया जाएगा जो एक यूज़र-फ्रेंडली फायर सेफ्टी ई-पोर्टल है। साथ ही, मुख्यमंत्री द्वारा GIFT सिटी का विस्तार करने के लिए तैयार किए ड्राफ्ट डिवलपमेंट प्लान का भी अनावरण होगा। यह डिवलपमेंट प्लान, शहरी नियोजन के प्रति गुजरात की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

एग्ज़ीबिशन में गुजरात के कॉर्पोरेशंस और UNICEF, ICLEI, AIILSG जैसे संगठन अपनी पहलों और इनोवेशन्स का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन भारत में लिवेबिलिटी को बढ़ाने के लिए अपनाई गई पहलों के प्रदर्शन के साथ समाप्त होगा।

यह सम्मेलन, शहरी प्रशासन के सामने लिवेबिलिटी स्टैंडर्स को बेहतर करने के रास्ते में आने वाली चुनौतियों पर महत्वपूर्ण चर्चा को बढ़ावा देने में सहायता करेगा। साथ ही, इस सम्मेलन के दौरान होने वाले सत्रों में अपने शहरों को अधिक जीवंत और समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोण एवं नवीन विचारों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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