Drone Applications New Course

Drone Applications New Course: कौशल्य यूनिवर्सिटी 2024 से ड्रोन एप्लीकेशन में 9 नए कोर्स शुरू करेगी

Drone Applications New Course: 10वीं से पोस्ट ग्रेजुएट तक योग्य नागरिकों को मौका, 5 हजार से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा

  • प्रीसिजन एग्रीकल्चर, एरियल मैपिंग, फ़ॉरेस्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर मोनिटरिंग जैसे उन्नत पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण मिलेगा

गांधीनगर, 16 दिसंबर: Drone Applications New Course: ‘कौशल के साथ शिक्षा’ के उद्देश्य से राज्य के युवाओं के कौशल्य को केंद्र में रखकर ‘स्किल स्मार्ट’ के माध्यम से रोजगार देने के उद्देश्य से कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्किल इंडिया’ के विज़न को सार्थक करने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य में नागरिकों को समय की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।

अहमदाबाद के मेमनगर में महात्मा गांधी श्रम संस्थान में कार्यरत कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी के द्वारा जनवरी 2024 से ड्रोन एप्लिकेशन में 9 उन्नत पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं, जिसमें 5 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना है।

ड्रोन एप्लीकेशन में पाठ्यक्रम

यूनिवर्सिटी द्वारा ड्रोन मैन्यूफ़ैक्चरिंग और ड्रोन प्रोग्रामिंग में दो उन्नत स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें क्रमशः १ वर्ष के लिए ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और प्रोग्रामिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और 2 वर्षों के लिए ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और प्रोग्रामिंग में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, स्कूल ऑफ ड्रोन द्वारा आने वाले वर्ष में ड्रोन इकोसिस्टम की समग्र वैल्यू चेन का समावेश करने वाले पाठ्यक्रम लॉन्च किये जाएँगे।

वर्ष 2024 से प्रारंभ होने वाले पाठ्यक्रम एवं योग्यताएँ

  1. ड्रोन की मदद से बीज बोना + उर्वरक/कीटनाशक का छिड़काव
    रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (RPC) के साथ 10वीं पास।
  2. मैपिंग के लिए ड्रोन आधारित डेटा कैप्चर
    रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (RPC) के साथ 12वीं पास
  3. ड्रोन से लैंड सर्वेइंग और एरियल मैपिंग के लिए डेटा प्रोसेसिंग
    ITI ड्राफ्ट्समैन/सिविल/सर्वेयर, डिप्लोमा-डिग्री इंजीनियर
  4. ड्रोन की मदद से कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्पेक्शन के लिए डेटा प्रोसेसिंग
    ITI ड्राफ्ट्समैन/सिविल/सर्वेयर, डिप्लोमा-डिग्री इंजीनियरिंग
  5. ड्रोन का उपयोग करके क्रॉप मॉनिटरिंग और प्रिसिजन एग्रीकल्चर के लिए डेटा प्रोसेसिंग
    12वीं पास / किसानों और उनके आश्रितों को प्राथमिकता / कृषि स्नातक
  6. ड्रोन की मदद से फ़ॉरेस्ट मैपिंग और मॉनिटरिंग के लिए डेटा प्रोसेसिंग
    बी.एससी.- ज़ूलोजी (जीव विज्ञान)/बोटनी(वनस्पति विज्ञान)/ फॉरेस्ट्री (वानिकी)
  7. ड्रोन आधारित आपदा प्रबंधन राहत एवं बचाव
    महानगरपालिका, अग्निशमन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रायोजित स्नातक और रिमोट पायलट प्रमाणपत्र
  8. डेटा प्रोसेसिंग और ड्रोन आधारित अर्बन इंटेलिजेंस
    किसी भी स्नातक के लिए निर्धारित क्षेत्र में एक वर्ष का अनुभव वांछनीय है
  9. ड्रोन फोरेंसिक
    गृह/पुलिस विभाग द्वारा प्रायोजित कोई भी स्नातक

यूनिवर्सिटी द्वारा ड्रोन क्षेत्र के विभिन्न पाठ्यक्रम

आज के समय में ड्रोन तकनीक बढ़ती जा रही है। कृषि, भूमि, सर्वेक्षण और मानचित्रण, राहत और बचाव, इन्फ्रास्ट्रक्चर की निगरानी, वन्यजीव और जंगली उपज की निगरानी, लोजिस्टिक और ई-कॉमर्स के साथ-साथ चिकित्सा सहायता के क्षेत्र में, ड्रोन तकनीक उत्पादकता बढ़ाने और सटीक वैज्ञानिक निर्णय प्राप्त करने के लिए बेहद उपयोगी है।

ड्रोन क्षेत्र का समावेश करने वाले तीन मुख्य कौशलों में रोजगार के व्यापक अवसर होने के कारण कौशल्य यूनिवर्सिटी द्वारा ड्रोन पायलट, ड्रोन निर्माण और सर्विस सहित ड्रोन के उपयोग से विभिन्न एप्लीकेशन का प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। इसके लिए स्कूल ऑफ ड्रोन्स द्वारा इस क्षेत्र से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

ड्रोन पायलट पाठ्यक्रम में अब तक 292 उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और 25 उम्मीदवार प्रशिक्षण ले रहे हैं। ड्रोन निर्माण और असेंबली में 765 उम्मीदवारों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और 50 उम्मीदवारों का में प्रशिक्षण शुरू है। राज्य के 33 ज़िलों के ITI में युवा ड्रोन निर्माण और असेंबली का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

राज्य की 20 ITI में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण का आयोजन

गुजरात में पाटण, साबरकांठा, अमरेली, नवसारी, राजकोट, वलसाड, बनासकांठा, बोटाद, मेहसाणा, मोरबी, पंचमहाल, सूरत, वडोदरा, दाहोद, कच्छ, खेड़ा, नर्मदा, गांधीनगर-कलोल, गांधीनगर-स्वर्णिम स्टार्टअप यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद-साणंद और अहमदाबाद-शीलज स्थित ITI में ड्रोन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है जिसमें प्रतिवर्ष 8 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यूनिवर्सिटी के ‘ड्रोन मंत्र’ मॉडल से की जायेगी ड्रोन मैन्यूफ़ैक्चरिंग

यूनिवर्सिटी ने ‘ड्रोन मंत्र’ के रूप में अनोखा मॉडल विकसित किया है। इसके आधार पर, ड्रोन मैन्यूफ़ैक्चरिंग और प्रशिक्षण के लिए लैब में अत्याधुनिक मशीनरी और टेक्नोलॉजी के साथ वास्तविक कार्य परिस्थितियों में ड्रोन मैन्यूफ़ैक्चरिंग और प्रोग्रामिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में, DGCA द्वारा अनुमोदित डिजाइन के अनुरूप ड्रोन मैन्यूफ़ैक्चरिंग की जाएगी। हर वर्ष आवश्यकतानुसार 100 से अधिक ड्रोन मैन्यूफ़ैक्चरिंग की जाएगी।

‘’ड्रोन मंत्र’ में आधुनिक प्रकार के ड्रोन और ड्रोन एप्लिकेशन विकसित करने की सुविधा है। इससे पुराने और अप्रचलित ड्रोनों को बदला जा सकेगा। यूनिवर्सिटी ने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए ड्रोन उत्पादकों के साथ सहयोग किया है और ड्रोन प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं गुजरात में सर्वप्रथम स्कूल ऑफ़ ड्रोन्स में विकसित की गयी हैं।

I-KUSHALके साथ नवीनता को प्रोत्साहन

यूनिवर्सिटी द्वारा I-KUSHAL इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन शुरू किया जा रहा है। इसके माध्यम से नवीनीकरण, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन दिए जाने सहित स्टार्टअप और उद्यमियों को हैंडहोल्डिंग समर्थन प्रदान किया जायेगा।

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