Azadi ka amrut mahotsav: आजादी के अमृत महोत्सव पर विभिन्न प्रतियोगिताओ का आयोजन
Azadi ka amrut mahotsav: मास कम्युनिकेशन की छात्रा अनीमा अदिति और संस्कृति नारायण ने अपनी प्रतिभा से जीता सबका दिल
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 23 अक्टूबरः Azadi ka amrut mahotsav: वसंत महिला महाविद्यालय राजघाट, वाराणसी के हिंदी विभाग द्वारा आंतरिक गुणवत्ता एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ के सौजन्य से “आजादी के पचहत्तर साल और हिंदी (भाषा एवं साहित्य)” विषयक दो दिवसीय अमृत महोत्सव का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ कुलगीत गायन से हुआ। प्राचार्या प्रो.अलका सिंह ने महोत्सव का शुभारम्भ करते हुए प्रतिभागियों को आशीष दिया और कहा कि प्रतिभागिता से स्वस्थ स्पर्धा का विकास होता है।
Azadi ka amrut mahotsav: कार्यक्रम संयोजक और हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. शशिकला त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में तमाम विषयों के प्रति रुचि ही नहीं बढ़ती, उनकी राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक तथा साहित्यिक गतिविधियों में समझदारी भी बढ़ती है. जिससे उनकी सोच परिपक्व तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही उनके वाचन कौशल, शुद्ध उच्चारण, स्वर का उतार- चढाव, अभिनय क्षमता भाषा कौशल आदि भी परिष्कृत होता है।
Azadi ka amrut mahotsav: कार्यक्रम के प्रथम सत्र में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके चार विषय थे- “मातृभाषाएं और शिक्षण”, “साहित्य की उपयोगिता”, “आजादी, विभाजन और साहित्य” तथा “लोकतांत्रिक मूल्य और युवा हस्तक्षेप”। इस भाषण प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय स्थान पर क्रमशः मास कम्युनिकेशन की छात्रा अणिमा अदिति और संस्कृति नारायण तथा तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से कल्याणी एवं एकता सागर रहीं।
द्वितीय सत्र के सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम जया प्रभा, द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से अणिमा अदिति, शिवांगी सिंह और तृतीय स्थान पर रूबी प्रजापति रहीं। महोत्सव के दूसरे दिन के तृतीय सत्र में वाद-विवाद प्रतियोगिता के विषय थे- आरक्षण और प्रतिभा पलायन, युवा पीढ़ी और बेरोजगारी, पितृसत्ता और स्त्री स्वतंत्रता तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA)। इस प्रतियोगिता में क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर अणिमा अदिति, अश्विनी और शिवानी रहीं।
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अंतिम चतुर्थ सत्र में निबंध प्रतियोगिता के भी विषय महत्वपूर्ण थे-किसान आंदोलन, नये कदम: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, आतंकवाद का फैलता जहर, धर्मांतरण और लव जिहाद। प्रतिभागियों की संख्या अधिक होने से अभी निर्णय न हो सका है। समानांतर सत्र में काव्य-पाठ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय रहीं ब्यूटी सिंह, अपूर्वा श्रीवास्तव तथाकनकलता सरोज। पूरे कार्यक्रम में हिंदी विभाग की स्नातक तथा स्नातकोत्तर की सभी छात्राओं ने अत्यंत उत्साह पूर्वक वक्ता और श्रोता के रूप में भाग लिया।
सत्रों के निर्णायक मंडल में डॉ. संजीव कुमार, डॉ. बृहस्पति भट्टाचार्य डॉ. श्रेया पाठक, डॉ. सौरभ सिंह और डॉ. सुमिता रहे। आयोजन समिति की सचिव डॉ. वंदना झा एवं डॉ. मीनू अवस्थी तथा आयोजन समिति के सदस्य डॉ. राजेश चौधरी व डॉ. सीमा पाण्डेय के संरक्षकत्व में सभी सत्र कुशलतापूर्वक सम्पन्न हुए।
सत्रों का संचालन क्रमशः कल्याणी, शीतल, रुचि गुप्ता, संस्कृति, रोली, एकता सागर, अपूर्वा और रूपा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वंदना झा, डॉ. मीनू अवस्थी, डॉ. राजेश चौधरी तथा डॉ. सीमा पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिसंख्य शिक्षकगण व विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।