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अहमदाबाद (Ahmedabad) में 1.50 लाख की रिश्वत लेते पकड़ गये सीजीएसटी के दो अधिकारी

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अहमदाबाद (Ahmedabad) में 1.50 लाख की रिश्वत लेते पकड़ गये सीजीएसटी के दो अधिकारी

अहमदाबाद, 27 मार्चः गुजरात में भ्रष्टाचार निरोधी दस्ता ने क्लास वन अधिकारी को डेढ़ लाख रूपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। दरअसल अहमदाबाद के सेटेलाइट क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन लेने पहुँची CGST ज्वॉइन कमिश्नर नीतू सिंह त्रिपाठी ने रूपये लेकर आये व्यापारी को फोन पर कहा कि ये रूपये सुप्रिटेन्डेट प्रकाश रसाडिया को दे दो। हालांकि व्यापारी भ्रष्टाचार निरोधी दस्ता की एक टीम के साथ पहुँचा था। जिससे भ्रष्टाचार निरोधी दस्ता ने महिला अधिकारी और सुप्रिटेन्डेट को गिरफ्तार कर लिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी ने विदेश से बच्चों के खिलौने इम्पोट कर ऑनलाइन रिटेल फर्निशिंग का व्यापार करते व्यापारी ने शिकायत में कहा था कि उसे इम्पोट किये हुए सामान पर टैक्स क्रेडिट अदा करना था। टैक्स क्रेडिट की अदायगी पर रकम वापस लेना था। इस ब्रिकी के उपलक्ष्य में 1.55 करोड़ क्रेडिट उसे वापस लेना था। उसने डेढ़ लाख रूपये सेन्ट्रल जीएसटी में अदा भी कर दिया था। वहीं 5 लाख रूपये अदा करना बाकी था।

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इस दौरान व्यापारी ने सीजीएसटी कार्यालय का संपर्क किया तब जीएसटी की संयुक्त आयुक्त नीतू त्रिपाठी वर्ग एक आईआरएस 2009 बैच और प्रकाशभाई जशंवतभाई रसाड़िया ने पाँच लाख रूपये रिश्वत की मांग की थी। बातचीत के अंत में एक लाख रूपये नीतूसिंह को और 50 हजार रूपये सुप्रिटेन्डेट प्रकाश रसाड़िया को देना तय हुआ था। परंतु व्यापारी ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी थी।

जिससे एसीबी ने शुक्रवार को रिश्वत के बारे में योजना तैयार कर ली थी। व्यापारी रिश्वत की रकम लेकर सेटेलाइट विस्तार में सीमा हॉल के पास स्थित सीजीएसटी ऑफिस पहुँचा था। परंतु ज्वॉइन कमिश्नर नीतू सिंह उपस्थित नहीं थी। जिससे व्यापारी ने नीतू सिंह को फोन किया कि वह तय हुई रकम लेकर आ गया है। नीतूसिंह ने व्यापारी को कहा कि वह कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए आई है। तुम मेरे हिस्से का एक लाख रूपया और सुप्रिटेन्डेट का 50 हजार सहित डेढ़ लाख रूपये सुप्रिटेन्डेंट प्रकाश भाई रसाड़िया को दे दो।

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फोन पर हुई बातचीत के अनुसार व्यापारी ने सुप्रिटेन्डेंट प्रकाश रसाड़िया को डेढ़ लाख रूपये की रकम दे दी। इसी दौरान एसीबी ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। महिला अधिकारी ने फोन पर पूछा कि रूपये आ गये हैं। इस दौरान एसीबी का छापा जारी था और पूरी घटना से अनजान ज्वॉइन कमिश्नर नीतूसिंह त्रिपाठी ने सुप्रिटेन्डेंट रसाड़िया को फोन कर कंर्फम किया कि उनके हिस्से का एक लाख रूपया व्यापारी ने दे दिया है ना। इस प्रकार एसीबी की उपस्थिति में ही नीतू सिंह का भ्रष्ट चेहरा उजागर हो गया था। एसीबी ने रिश्वत की रकम रिकवर कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

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