दवाइयों (Medicines) की कीमत में हो सकती है बढ़ोत्तरी, जानिए क्यों और कैसे
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दवाइयों (Medicines) की कीमत में हो सकती है बढ़ोत्तरी, जानिए क्यों और कैसे
मुंबई, 21 मार्चः एंटीइंफेक्टिव, कार्डियक और एंटीबायोटिक्स सहित आवश्यक दवाओं की कीमतें अप्रैल से मामूली रूप से बढ़ सकती हैं। सरकार ने दवा निर्माताओं को वार्षिक होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर कीमतों में बदलाव की अनुमति दी है। ड्रग प्राइस रेगुलेटर, नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने कहा है कि सरकार की तरफ से 2020 के लिये डब्ल्यूपीआई में 0.50 फीसदी का वार्षिक परिवर्तन हुआ है।
दवा बनानेवाली कंपनियों की ओर से एनुअल डब्ल्यूपीआई के अनुरूप शेड्यूल्ड दवाओं की कीमतों में हर साल वृद्धि की अनुमति मिलती है। सूत्रों के अनुसार इस वृद्धि से कंपनियाँ उत्साहित नहीं है। उनके अनुसार मैन्युफैक्चरिंग लागत में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह कंपनियाँ 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की योजना बना रही हैं।
हाल ही में सरकार ने हेपरिन इंजेक्शन की कीमत में वृद्धि को सितंबर 2021 तक एक्सटेंड कर दिय़ा। इसका उपयोग कोरोना वायरस के इलाज में भी किया जाता है। चीन से आयात होनेवाली एपीआई की लागत में बढ़ोत्तरी से कई कंपनियों के अनुरोध के बाद पिछले साल जून में सरकार ने हेपरिन पर 50 फीसदी प्राइस वृद्धि की अनुमति दी थी।
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