Cluster Bean: गुआर यह मधुमेह के रोगियों के लिए हितकर होता है।

Cluster Bean: गुआर की कच्ची फलियों को चबाया जाए तो यह मधुमेह के रोगियों के लिए हितकर होता है।
- वानस्पतिक नाम- Camopsis fetragonoloba (स्यामोप्सिस टेट्रागोनोलोबा) कुल- फेबेसी (Fabaceae)
- हिन्दी- गंवार फली, गवार, गुआर
- अंग्रेजी- क्लस्टर बीन, गुआर (Cluster Bean, Guar)
- संस्कृत- द्विघा बोजन, द्रिघबीजन
घर-घर में खायी जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से गंवार फली (Cluster Bean) एक है जिसकी खेती वृहद स्तर पर की जाती है। गंवार फली का वानस्पतिक नाम स्यामोप्सिस टेट्रागोनोलोबा है। डाँग-गुजरात के आदिवासी इसकी फलियों को सुखाकर चटनी तैयार करते हैं और मधुमेह के रोगी को 40 दिनों तक दिन में चार बार प्रतिदिन देते हैं, इनका मानना है कि ये काफी फायदा करता है।
पातालकोट के आदिवासी मानते हैं कि फलियों के बीजों को रात भर पानी में डुबोकर रखा जाए और अगले दिन सूजन, जोड़ दर्द और जलन देने वाले शारीरिक भागों पर लगाने से अतिशीघ्र आराम मिलता है। कच्ची फलियों को चबाया जाए तो यह मधुमेह के रोगियों के लिए हितकर होता है।
Cluster Bean: कच्ची फलियों को पीसकर इसमें टमाटर और धनिया की हरी पत्तियों को डालकर चटनी तैयार की जाए और प्रतिदिन सेवन किया जाए तो आँखों की रोशनी बेहतर होती है और लगातार सेवन से कई बार चश्मा भी उतर जाता है। कच्ची फलियों को अच्छी तरह से उबाल लिया जाए और उस पानी में अपने पैरों को कुछ देर तक डुबोया जाए तो फटे पैर और तालु ठीक हो जाते हैं। इसके बीजों को एक उत्तम पशुआहार माना जाता है।

आदिवासी अंचलों में इसकी फलियों को सुखाकर इसमें सरसों के तेल को मिलाकर चौपायों को दिया जाता है जिससे उनके दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। गंवार फली को जलाकर राख तैयार कर ली जाए व इसमें सरसों का तेल डालकर लेप तैयार किया जाए और चौपायों के घाव पर लगाया जाए तो उन्हें आराम मिल जाता है। (साभार: आदिवासियों की औषधीय विरासत पुस्तक से )