Turkey returned the wheat sent from india: भारत ने तुर्की को भेजा 56,877 टन गेहूं, देश ने यह कारण बताकर वापस लौटाएं
Turkey returned the wheat sent from india: तुर्की ने भारत द्वारा भेजे गए गेहूं को खराब वस्तु के रूप में खारिज कर दिया
नई दिल्ली, 03 जूनः Turkey returned the wheat sent from india: एक ओर जहां कुछ देश गेहूं के लिए गिर रहे हैं, वहीं तुर्की ने इसे खराब वस्तु के रूप में खारिज कर दिया है। दरअसल भारत ने तुर्की के 56,877 टन गेहूं भेजा था जिसे तुर्की ने खराब वस्तु के रूप में खारिज कर दिया हैं। मालूम हो कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण दुनिया भर में गेहूं की कमी हो गई है। उनका कहना है कि गेहूं में रूबेला वायरस पाया गया है।
तुर्की ने गेहूं में फाइटोसेनेटरी समस्या दी है। तुर्की ने 29 मई से भारत को गेहूं लौटाया है। एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइंट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के जहाज में 56,877 टन गेहूं लदा हुआ था। जहाज को तुर्की से गुजरात के बंदरगाह पर वापस भेज दिया गया है। इस्तांबुल के एक व्यापारी का कहना है कि इंडियाना गेहूं में रूबेला वायरस पाया गया है। इसलिए तुर्की के कृषि मंत्रालय ने इस गेहूं को लेने से इनकार कर दिया है। गेहूं से भरा जहाज जून के मध्य तक बंदरगाह पहुंच जाएगा।
तुर्की ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दुनिया भर में गेहूं की कमी है। तुर्की ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के विकल्प की तलाश की जा रही है। भारत ने अन्य देशों को गेहूं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, इसके बाद से 12 देशों ने भारत से मदद मांगी है। प्रतिबंध लगने के बाद भी भारत ने 60,000 टन गेहूं भेजा।
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रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से गेहूं की आपूर्ति बंद कर दी गई है। रूस और यूक्रेन गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक हैं। ये दोनों देश मिलकर दुनिया के कुल गेहूं बाजार का 4% हिस्सा रखते हैं। एसएंडपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले से दूसरे देश चिंतित हैं। मिस्र समेत अन्य देशों में अगले कुछ दिनों में गेहूं आने की उम्मीद है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण बाजार में गेहूं की कमी हो गई और भारत अन्य देशों के लिए तारणहार बन गया। भारत सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और स्थिति और खराब हो गई। भारत ने यह फैसला अपने देश में गेहूं की कीमत को नियंत्रित करने के लिए लिया ताकि यह न बढ़े। भारत के गेहूं पर प्रतिबंध के कारण लगभग 18 लाख टन खाद्यान्न सभी बंदरगाहों पर फंसा हुआ है। इससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है।