आइए जानें रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने आज क्या कहा ईएमआई पर, पढ़ें पूरी खबर
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) मुद्रास्फीति बढ़ने से चिंतित है
नई दिल्ली, 07 अप्रैलः कोरोना संक्रमण के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति बढ़ने से चिंतित है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कई घोषणाएं की है। जिसके तहत प्रमुख उधारी दर को 4 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया गया है। लेकिन साथ ही अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए जरूरत पड़ने पर भविष्य में कटौती की बात कहकर उदार रूख को भी बरकरार रखा है।
आइए जानें आरबीआई गर्वनर ने क्या कहा
- आरबीआई ने लगातार पाँचवी बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा, रेपो रेट चार प्रतिशत पर
- चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का पूर्वानुमान 10.5 प्रतिशत पर बरकरार
- वृद्धि को समर्थन देने के लिए आरबीआई मौद्रिक नीति में उदार रूख को बनाए रखेगा
- मुद्रास्फीति को लक्षित स्तर पर बनाए रखा जाएगा
- हाल में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी ने आर्थिक सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा की है
- जून और सितंबर तिमाही में क्रमशः 26.2 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान, जबकि दिसंबर और मार्च तिमाही में यह आकंड़ा क्रमशः 5.4 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत रह सकता है
- खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 2021-22 की मार्च तिमाही के लिए पाँच प्रतिशत किया गया
- जून और सितंबर तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रह सकती है
- प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि उत्पादक क्षेत्रों को पर्याप्त ऋण मिले।
- नए ऋण के लिए नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी को 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी सुविधा
- स्थिरता बनाए रखने और वैश्विक अवरोधों से वित्तीय कंपनियों को बचाने के लिए जो भी करना होगा वह किया जाएगा
- भुगतान बैंकों के प्रत्येक व्यक्तिगत ग्राहक के लिए अधिकतम शेष सीमा को दिन के अंत में एक लाख रूपये से बढ़ाकर दो लाख रूपये किया गया
- परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों के कामकाज की व्यापक समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया
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