Budhwar puja vidhi: आज के दिन गणपति की कृपा पाने के लिए करें इस तरह पूजा, विघ्नहर्ता सारेे संकट हर लेंगे
Budhwar puja vidhi: आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान गणेश की पूजा करेँ
धर्म डेस्क, 06 जुलाईः Budhwar puja vidhi: हर सप्ताह के सातों दिन कोई न कोई देवी-देवताओं को समर्पित हैं। मालूम हो कि बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय गणेश जी को समर्पित हैं। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही साथ भगवान गणेश प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता हैं उन्हें आज (बुधवार) के दिन विशेष रूप से पूजा करने की सलाह दी जाती हैं।
Budhwar puja vidhi: ऐसा करने से उनका बुध दोष खत्म हो जाता हैं। आज हम जानेंगे कि बुधवार के दिन किस तरह भगवान गणेश की पूजा करने से शारीरिक, आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। आइए जानते हैं भगवान गणेश के पूजा की सही विधि और उपाय….
क्या आपने यह पढ़ा…. World kiss day: देश में मनाया जा रहा ‘किस’ डे, जानें चुंबन से होने वाले सेहतमंद फायदों के बारे में…
इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा और उपाय
- आज (बुधवार) के दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान गणेश की पूजा करेँ। इससे भगवान गणेश भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
- व्यक्ति का बुध कमजोर होने पर व्यक्ति को हरे रग के कपड़े पहनने चाहिए। साथ ही पास में हरे रंग का रूमाल भी रख लें। इस दिन किसी व्यक्ति को हरे मूंग की दाल और हरे कपड़े दान करें।
- बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना लाभदायी होता हैं। गणपति के मस्तक पर सिंदूर का तिलक लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती हैं।
- भगवान गणेश को ल़ड्डू या मोदक अति प्रिय हैं। इसलिए बुधवार के दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं।
- मान्यता है कि भगवान गणेश की शमी के पत्ते अर्पित करने से व्यक्ति का तनाव और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।
पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद पूजा आरंभ करें। पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और फिर पूजा शुरू करें। अगर बुधवार को व्रत रखने की सोच रहे हैं तो विधिपूर्वक व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद भगवान गणेश को पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि अर्पित करें। गणेश जी को सूखा सिंदूर मस्तक पर लगाएं। फिर भगवान गणेश की आरती करें और गणेश मंत्रों का जाप करें।