Corona Vaccine: स्तनपात करानेवाली माताओं को बिना किसी झिझक कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिएः डॉ. समीरन पांडा
Corona Vaccine: डॉक्टर पांडा ने कहा इस समय उपलब्ध टीके नए वैरिएंट के मुकाबले काफी हद तक प्रभावी हैं
नई दिल्ली, 09 जुलाईः Corona Vaccine: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग संभाग के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा कि स्तनपात कराने वाली महिलाएं भी बिना किसी झिझक के कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवा सकती हैं।
टीके (Corona Vaccine) की वजह से माताओं में विकसित होनेवाली एंटी-बॉडीज स्तनपात कराते समय शिशु में चले जाते हैं यह शिशुओं के लिए लाभदायक होता है। उन्होंने आगे कहा कि बहुत से लोग चिंतित हैं कि क्या हमारे टीके सार्स-कोव-2 विषाणु के नए स्ट्रेन के खिलाफ असरकार होंगे या नहीं।
डॉक्टर पांडा के अनुसार इस समय उपलब्ध टीके नए वैरिएंट के मुकाबले काफी हद तक प्रभावी हैं। उन्होंने कहा कि टीके संक्रमण की रोकथाम नहीं कर रहे हैं बल्कि रोग में बदलाव कर रहे हैं। भारत में वर्तमान में उपलब्ध टीके नए वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हैं। विभिन्न स्ट्रेन के लिए प्रभावकारिता अलग-अलग हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि जब सभी विषाणुओं का प्रसार होता है तब उनमें उत्परिवर्तन होना सामान्य हैं। कोरोना विषाणु थोड़े समय बाद इन्फ्लूएंजा की तरह अपने स्थानिक चरण में पहुंच जायेगा और फिर संवेदनशील आबादी को सालाना टीके की खुराक लेनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जिसे आम तौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है, 100 साल पहले यह एक महामारी थी लेकिन अब यह स्थानिक हैं।
डॉ.पांडा ने कहा कि अस्थमा, धूल से होने वाली एलर्जी, परागकणों की एलर्जी आदि जैसी सामान्य एलर्जी वाले लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में उपलब्ध सभी टीके क्लीनिकल ट्रायल के तीन चरणों से गुजरे हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक कोरोना के इलाज का सवाल है तो हमें नहीं लगता है कि कोरोना विषाणु के नए वैरिएंट को देखते हुए मौजूदा मानक उपचार विधियों को बदलने की कोई जरूरत हैं।
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