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IIT BHU: आई आई टी बी एच यू का कौशल कार्य शाला सम्पन्न

IIT BHU: एफएमसी आईआईटी (बीएचयू) एवं 39 जीटीसी के संयुक्त तत्वावधान मे भविष्य के लिए तैयार युवाओं को सशक्त बनाने हेतु आयोजित हुआ रचनात्मक कौशल कार्यशाला

  • कार्य शाला का उद्देश्य युवा सैनिको को डिजिटल और रचनात्मक कौशल की देनी थी जानकारी
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 21 मई
: IIT BHU: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बीएचयू की फिल्म एंड मीडिया काउंसिल (एफएमसी) ने 39 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र (39 जीटीसी) के सहयोग से 39 जीटीसी कैंप, वाराणसी में पांच दिवसीय रचनात्मक कौशल कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य युवा सैनिकों को महत्वपूर्ण डिजिटल और रचनात्मक कौशल सिखाना था। यह भारत की रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए चल रहे प्रयासों को, अग्निपथ योजना के माध्यम से, समर्थन देता है।

एफएमसी के काउंसलर डॉ. ओम जी पांडेय ने जानकारी दी कि यह कार्यशाला डिजिटल जागरूकता, रचनात्मकता और मीडिया कौशल जैसे गुणों पर केंद्रित रही—जो आज के सैनिकों, विशेषकर अग्निवीरों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। अग्निवीरों को तेज़ी से सीखने वाले, तकनीक के प्रति सहज और परिस्थितियों के अनुसार ढलने योग्य सोच वाले सैनिकों के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कार्यशाला में व्यावहारिक सत्रों और टीम गतिविधियों को शामिल किया गया, जैसे कि:

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• फोटोग्राफी एवं एआई संपादन: प्रतिभागियों ने रचना और प्रकाश व्यवस्था की मूल बातें सीखीं, जिसके बाद उन्होंने एआई-सक्षम संपादन उपकरणों का प्रयोग किया, जिससे पोस्ट-प्रोसेसिंग सरल हुई और रचनात्मक गुणवत्ता में सुधार आया।
• वीडियोग्राफी एवं वीडियो संपादन: प्रतिभागियों ने आधुनिक वीडियो उपकरणों और संपादन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया, जिनमें एआई फीचर्स ने ट्रांजिशन और ऑडियो गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद की।
• कैपस्टोन प्रोजेक्ट: अंतिम दिन, प्रतिभागियों ने टीमों में मिलकर एक मीडिया प्रोजेक्ट पर कार्य किया, जिसमें उन्होंने सप्ताहभर में सीखे गए सभी कौशलों को लागू किया।

डॉ. ओम जी पांडेय ने आगे बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से एफएमसी ने युवाओं को आधुनिक उपकरणों और तकनीकों के साथ आत्मविश्वासपूर्वक कार्य करने के लिए प्रेरित किया—ऐसे कौशल जो न केवल रचनात्मक क्षेत्रों में बल्कि रक्षा जैसे क्षेत्रों में भी उपयोगी हैं, जहाँ स्पष्ट संचार और तीव्र सोच की अत्यधिक आवश्यकता होती है।

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यह कार्यशाला दोनों संस्थानों के प्रमुख पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में संपन्न हुई, जिनमें शामिल थे—प्रो. अमित पात्रा, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू); ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता, कमांडेंट, 39 जीटीसी; प्रो. राजेश कुमार, डीन ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर्स; लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव हृदय; प्रो. सुशांत कुमार श्रीवास्तव, टीपीसी समन्वयक; तथा डॉ. ओम जी पांडेय, एफएमसी काउंसलर। एफएमसी के महासचिव—कृष अग्रवाल, आर्ची अरोड़ा और हर्षिल पटेल—ने इन सत्रों का संचालन किया।

प्रो. राजेश कुमार, डीन ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर्स ने कहा इस कार्यशाला ने युवाओं को रचनात्मक कौशलों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण से जोड़ने का कार्य किया। जैसे-जैसे रक्षा तंत्र में नवाचार बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इस तरह की पहलें यह साबित करती हैं कि युवा पीढ़ी को किस प्रकार सशक्त और सक्षम बनाया जा सकता है।

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