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Kashi Vishwanath Temple: बाबा काशी विश्वनाथ मंंदिर मे वर्षो पुरानी परंपरा उत्सव सम्पन्न

Kashi Vishwanath Temple: श्रावण के अंतिम सोमवार एवं पूर्णिमा पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में निभाई गई वर्षों पुरानी परंपरा उत्सव

पंच बदन प्रतिमा के पंच गव्य स्नान से शुरू हुआ उत्सव

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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 19 अगस्त:
Kashi Vishwanath Temple: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वर्षों पुरानी परंपर उत्सव सोल्लास सम्पन्न हुई. सावन के अंतिम सोमवार एवं पूर्णिमा पर आयोजित परंपरा की शुरुआत, मंदिर प्रांगण में श्री विश्वनाथ जी की पंच बदन प्रतिमा के पंचगव्य स्नान के साथ शुरू हुई। विद्वान 11 अर्चकों, ट्रस्टी गण व अन्य गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विधि विधान पूर्वक पंच बदन मूर्ति का पंचगव्य स्नान पूर्ण कराया गया।

इस दौरान शंख वादन और डमरू वादन भी हुआ जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। डमरू वादन तथा शंख की स्वरलहरी के साथ ही बाबा के प्रतिमा की आरती संपन्न की गयी।

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इसके उपरांत भगवान श्री विश्वनाथ, माता पार्वती जी तथा भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा का विविध प्रकार के फूलों से सुंदर श्रृंगार कराया जाएगा तथा शोभायात्रा के पूर्व मंदिर प्रांगण में बाबा की प्रतिमा का भव्य झांकी दर्शन कराया गया. जिसमे संत महात्मा, जनप्रतिनिधि, काशीवासी आदि सभी सम्मिलित हुए। तत्पश्चात सांयकाल काशीवासी और श्रद्धालु गण बाबा की पंचबदन प्रतिमा को पालकी पर विराजमान करके, गर्भगृह में ले गये.

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पूर्ववर्ती परंपरा के अंतर्गत बाबा को मां पार्वती जी और भगवान श्री गणेश जी के साथ झूले पर विराजमान कराया गया.
मंदिर गर्भ गृह में झूला उत्सव रात्रि पर्यंत तक चलता रहा. इस दौरान भारी संख्या मे बाबा के भक्त गण बाबा का दर्शन कर निहाल हुए. यह काशीवासियों की अपनी परंपरा है जिसमे सबका स्वागत रहता है। काशी वासी आज बाबा दरबार मे ज्यादा संख्या में आते हैं, इसलिए उनके द्वार के खुले रहने की समयावधि भी बढ़ाई गयी, ताकि अपने बाबा के मनमोहक श्रृंगार का दर्शन सभी लोग आसानी से कर सकें।

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