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International seminar on Ayurveda: बीएचयू में आयुर्वेद पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार

International seminar on Ayurveda: कटिंग एज रिसर्च इन आयुर्वेद विषयक अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार मे पांच देशों के प्रतिनिधि कर रहे हैं शिरकत

खुलेगा वैश्विक स्वास्थ्य का नया मार्ग

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 16 दिसम्बर:
International seminar on Ayurveda: भारत की प्राचीन चिकित्सा परंपरा आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर नई पहचान देने की दिशा में काशी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है। आयुर्वेद संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान “कटिंग-एज रिसर्च इन आयुर्वेदः ट्रांसफॉर्मिंग ग्लोबल हेल्थ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 17 से 19 दिसंबर 2025 तक के.एन. उड्डपा ऑडिटोरियम में किया जाएगा।

तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित पाँच से अधिक देशों से आए आयुर्वेद, पारंपरिक चिकित्सा, आधुनिक चिकित्सा और मूलभूत विज्ञानों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ आयुर्वेद में हालिया शोध, नवाचारों और भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार साझा करेंगे। सम्मेलन के दौरान 30 से अधिक वैज्ञानिक सत्रों में प्रतिभागियों द्वारा 300 से अधिक शोध-प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी, जो आयुर्वेद और पारपरिक चिकित्सा में हो रहे अत्याधुनिक अनुसंधान को उजागर करेंगी। उक्त जानकारी आयोजन मण्डल के सदस्यों ने एक पत्रकार वार्ता मे दी.

उद्घाटन सत्र 17 दिसंबर को पूर्वांन्ह 11.00 होगा. प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, कुलपति, बीएचयू, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. एस. एन. संखवार, निदेशक, प्डै.ठभ्न् करेंगे। विशिष्ट अतिथियों में टैखोन ली (अध्यक्ष दक्षिण कोरिया), प्रो. स्वर्णा हपुआरच्ची (पूर्व निदेशक, इस्टिट्यूट ऑफ इंडिजिनस मेडिसिन, कोलंबो विश्वविद्यालय, श्रीलंका) तथा प्रो. बिजेंद्र शाह (इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसिन, काठमांडू, नेपाल) शामिल होगें।यह सम्मेलन प्रो. पी. के. गोस्वामी, अधिष्ठाता, आयुर्वेद संकाय, (आयोजन अध्यक्ष) के नेतृत्व तथा डॉ. ए. के. द्विवेदी (आयोजन सचिव) के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है।

International seminar on Ayurveda: वैज्ञानिक सत्र, पैनल चर्चाएँ और शोध पत्र प्रस्तुतियाँ होगी, जिनमें आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता निवारक स्वास्थ्य-देखभाल, न्यूट्रास्यूटिकल्स, एथ्नोमेडिसिन, डिजिटल नवाचार, सतत स्वास्थ्य प्रणाली समन्वित चिकित्सा मॉडल और साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया जाएगा।प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के सेतु के रूप में यह सम्मेलन न केवल अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संवाद को सशक्त करेगा, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में आयुर्वेद की भूमिका को भी नई दिशा देगा।

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आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में आयोजित यह आयोजन, आयुर्वेद के क्षेत्र में बीएचयू की वैश्विक नेतृत्वकारी भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करेगा। पत्रकारवार्ता को कार्यशाला के आयोजन अध्यक्ष एवं आयुर्वेद संकाय प्रमुख प्रो. पी.के. गोस्वामी, आयोजन सचिव डॉ. डॉ. ए. के. द्विवेदी, संयुक्त आयोजन सचिव डॉ. आसुतोष पाठक, डॉ. वन्दना शर्मा एवं प्रो. के.एन.मूर्ती ने सम्बोधित किया।

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