BHU journalism AI seminar

BHU AI Seminar: बी एच यू के पत्रकारिता विभाग मे आयोजित हुआ ए आई वर्कशॉप

BHU AI Seminar: डिजिटल रेडीनेस: एआई वर्कशॉप ने पत्रकारिता और मल्टीमीडिया विद्यार्थियों को बनाया सशक्त

  • BHU AI Seminar: कार्यशाला का संयोजन प्रो अनुराग दवे, प्रो एच पी शर्मा और राज किरण प्रभाकर ने संयुक्त रूप से किया

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 16 नवम्बर:
BHU AI Seminar: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कौशल विकास प्रकोष्ठ ने पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण विभाग के सहयोग से शनिवार को पत्रकारिता और मल्टीमीडिया विद्यार्थियों के लिए एक एआई वर्कशॉप का आयोजन किया। “एआई फॉर डिजिटल रेडीनेस एंड एडवांसमेंट (ADiRA)” पहल के तहत आयोजित इस कार्यशाला को गूगल और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) द्वारा एआई अपॉर्च्युनिटी फंड: एशिया पैसिफिक के माध्यम से समर्थन प्राप्त हुआ, जिसका उद्देश्य भारत में एआई-रेडी कार्यबल का निर्माण करना है।कार्यशाला का संयोजन संयुक्त रूप से कौशल विकास प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. एच.पी. शर्मा, सह-समन्वयक डॉ. राजकिरण प्रभाकर और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रो. अनुराग दवे ने किया ।

प्रशिक्षण सत्र में डॉ. रविनंदन बी. बी., एआई जर्नलिज़्म ट्रेनर ने विद्यार्थियों को आवश्यक एआई टूल्स और अवधारणाओं से परिचित कराया। कार्यशाला में परपेक्सिलिटी, गूगल जेमिनी, और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग पर विस्तृत सत्र शामिल थे। उपलब्ध कराए गए अध्ययन सामग्री और संलग्नकों की मदद से डॉ. रविनंदन ने पत्रकारिता में एआई साक्षरता के बढ़ते महत्व पर विस्तृत व्याख्यान दिया।

साथ ही उन्होंने बताया कि जेमिनी जैसे टूल विद्यार्थी, शिक्षक और शोधकर्ताओं को प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने, इनसाइट्स जनरेट करने और शोध परिणामों में सुधार लाने में कैसे मदद करते हैं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को इन टूल्स के व्यावहारिक उपयोग के बारे में मार्गदर्शन भी दिया गया और उन्हें सिखाया गया कि मीडिया, शोध और अकादमिक कार्य में डिजिटल उत्पादकता कैसे बढ़ाई जा सकती है।

21वीं सदी का एक महत्वपूर्ण कौशल प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग की भूमिका पर भी कार्यशाला में सत्र आयोजित किया गया। प्रशिक्षकों ने वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से दिखाया कि पत्रकार और कॉटेंट क्रिएटर एआई का उपयोग फैक्ट-चेकिंग, स्टोरी डेवलपमेंट, डाटा इंटरप्रिटेशन और प्रोफेशनल कम्युनिकेशन जैसे कार्यों में कैसे कर सकते हैं।

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कार्यक्रम का समापन प्रश्न–उत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने एआई के नैतिक उपयोग, शोध अवसरों, और मीडिया उद्योग पर जनरेटिव तकनीकों के प्रभाव पर चर्चा की। कार्यक्रम में 60 से अधिक शोधार्थियों, विद्यार्थियों और स्किल डेवलपमेंट सेल के सदस्यों ने शामिल होकर इसे विश्वविद्यालय में डिजिटल प्रगति और तकनीकी जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।

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