National Seminar on Gender Equality

National Seminar on Gender Equality:भारत मे लैंगिक समानता पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ

National Seminar on Gender Equality: वसंता कॉलेज फॉर वुमेन और श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस, कर्नाटक के संयुक्त तवावधान मे शुरू हुए राष्ट्रीय संगोष्ठी मे शिरकत कर रहे हैं ख्याति प्राप्त विद्वतजन

  • 10 मई तक चलने वाले संगोष्ठी मे लैंगिक समानता से जुड़े सामाजिक, शैक्षणिक और नीतिगत पहलुओं पर होगी समग्र विमर्श
google news hindi

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 09 मई:
National Seminar on Gender Equality: वसंत महिला महाविद्यालय ( वी सी डब्लू ) एवं श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस, कर्नाटक के संयुक्त तत्वावधान में “भारत में लैंगिक समानता: अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई. आगामी 10 मई तक चलने वाले इस संगोष्ठी का उद्देश्य लैंगिक समानता से जुड़े सामाजिक, शैक्षणिक और नीतिगत पहलुओं पर समग्र चर्चा एवं विचार-विमर्श करना है। उद्घाटन समारोह मे देशभर से शिक्षाविदों, शोधार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की.

उद्घाटन सत्र मे मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. वैशाली शर्मा, कुलपति, जगन्नाथ विश्वविद्यालय, जयपुर ने कहा कि, “समानता एक मौलिक मानवाधिकार है और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति का आधार स्तंभ है। हमारे सनातन धर्म के शास्त्रों में भी सभी के मानवाधिकारों की बात की गई है। लैंगिक समानता केवल एक लैंगिक मुद्दा नहीं है, यह एक मानवीय विषय है।”

मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. जया भसीन, डीन, स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज, केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू, ने कहा कि, हमें केवल स्त्री और पुरुष के अधिकारों की बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि तीसरे लिंग के अस्तित्व को भी उतनी ही गंभीरता से स्वीकार करना चाहिए। जब हम प्रत्येक व्यक्ति को समान सम्मान और अधिकार देंगे, तभी हम एक समतामूलक समाज की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

BJ ADVT

अवसर पर ”प्रो. श्रीकांत मूर्ति, कुलपति, श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस, कर्नाटक, ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा,“यह केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण मानवता का मुद्दा है। चुनौती केवल नीतियाँ बनाने की नहीं है, बल्कि मानसिकता को रूपांतरित करने की है।”

प्रारंभ मे स्वागत भाषण प्रो. अलका सिंह, प्राचार्य, वसंत महिला महाविद्यालय ने दिया. प्रो अलका ने कहा कि, लैंगिक समानता सामाजिक चेतना और नैतिक उत्तरदायित्व का विषय है। उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस संगोष्ठी को संवाद, सहभागिता और परिवर्तन का एक सशक्त मंच बताया। सत्र में प्रो. प्रीति सिंह, प्रो. मीनाक्षी बिस्वाल, आदि उपस्थित रहीं। सत्र का संचालन डॉ. रचना पांडे, एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. योगिता बेरी ने दिया. तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो पुनीता पाठक ने की I सत्र में कुल 16 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए I संचालन डॉक्टर आकांक्षा त्रिवेदी ने किया .

देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें