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Kariyappa Marg: करियप्पा मार्ग पर बनेगा काशी की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक पथ

Kariyappa Marg: राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने किया सांस्कृतिक पथ परियोजना का शिलान्यास

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 27 जून:
Kariyappa Marg: काशी की सांस्कृतिक विरासत और शिल्पकला को एक नए रूप में दर्शाने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना की नींव रखी गई। करियप्पा मार्ग (जे एच वी मॉल से विक्ट्री ब्रिज तक) पर विकसित किए जाने वाले 500 मीटर लंबे सांस्कृतिक पथ के सौंदर्यीकरण एवं निर्माण कार्य का शिलान्यास उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल द्वारा किया गया। यह कार्य वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) और छावनी परिषद के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है।

इस परियोजना का मूल उद्देश्य काशी की पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक पहचान को पर्यटन से जोड़ते हुए, स्थानीय कारीगरों को नया मंच प्रदान करना है। सांस्कृतिक पथ पर लकड़ी के खिलौने, गुलाबी मीनाकारी, बनारसी वस्त्र कला जैसे विश्वविख्यात उत्पादों को स्क्रैप से निर्मित कलाकृतियों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। यह न केवल बनारस की पारंपरिक पहचान को पुनः जीवंत करेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

इस पथ में 2.5 मीटर चौड़ा पैदल मार्ग, आकर्षक लाइटिंग, बैठने की व्यवस्था, पर्यटन स्थलों की जानकारी देने वाले साइनेज, सेल्फी प्वाइंट और सुव्यवस्थित पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह पूरी परियोजना काशी को केवल आध्यात्मिक नगरी नहीं, बल्कि विरासत एवं शिल्प पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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इस दौरान वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग, कैंटोनमेंट बोर्ड के सीईओ सत्यम मोहन, वीडीए के अपर सचिव गुडाकेश शर्मा, सीओ कैंट समेत कई अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे। राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह सांस्कृतिक पथ काशी की परंपराओं को संजोए रखने और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने का कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि यह पहल स्थानीय कारीगरों को जीविका के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ बनारस की शिल्पकला को वैश्विक मंच पर ले जाने में सहायक होगी।

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गर्ग ने बताया कि यह परियोजना तय समयसीमा के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि श्रद्धालु, पर्यटक व स्थानीय नागरिक जल्द ही इस सांस्कृतिक पथ का अनुभव ले सकें।

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