IPS Anurag Arya

IPS Anurag Arya: बी एच यू के पुरातन छात्र आईपीएस अनुराग आर्य को मिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक

IPS Anurag Arya: बरेली मे बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत आई पी एस अनुराग ने महिलाओं के सीरियल हत्याओं के जटिल मामले का किया था पर्दाफ़ास

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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 16 अगस्त:
IPS Anurag Arya: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अपने प्रतिष्ठित पूर्व छात्र, अनुराग आर्य, आईपीएस, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, बरेली, (उ0प्र0) को महिलाओं की श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के जटिल मामले को सुलझाने में उनके असाधारण कार्य के लिए “मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक” से सम्मानित किए जाने पर गर्व महसूस करते हुए उन्हें शुभकामनाएं एवं बधाई देता है। यह सम्मान उनकी असाधारण प्रतिबद्धता, दृढ़ता और सार्वजनिक सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के प्रति उनके गहन कर्तव्यबोध का प्रमाण है।

आर्य ने 2009 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से भौतिकी में बैचलर ऑफ साइंस (ऑनर्स) की उपाधि धारण की। बागपत जनपद के रहने वाले 2013 बैच के आईपीएस अनुराग आर्य काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में जून 2006 से मई 2009 तक भौतिकी में बैचलर ऑफ साइंस (ऑनर्स) के प्रतिभावान छात्र रहे। आईपीएस अनुराग आर्य बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ब्रोचा हॉस्टल के कमरा नंबर 199 में रहते थे। अमेठी, बलरामपुर, मऊ, प्रतापगढ़ और आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक रहे आईपीएस अनुराग आर्य फिलहाल बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं।

आईपीएस अनुराग आर्य अब तक पुलिस महानिदेशक के सिल्वर डिस्क, पुलिस महानिदेशक के गोल्ड डिस्क और पुलिस महानिदेशक के प्लेटिनम डिस्क से सम्मानित हो चुके हैं। 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आईपीएस अनुराग आर्य को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान, वे एक होनहार व प्रतिभावान छात्र थे और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते थे। वे विश्वविद्यालय की बास्केटबॉल टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। विशेष रूप से, उन्होंने 2006-2007 और 2007-2008 के दौरान अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालयी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, और उनकी टीम ने पूर्वी जोन अंतर-विश्वविद्यालयी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।

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अपनी स्नातक की पढ़ाई के बाद, आर्य ने दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री की पढ़ाई शुरू की, लेकिन उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चयनित किया गया, जहाँ उन्होंने थोड़े समय के लिए सेवा की। इसके बाद, उन्होंने 2013 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय पुलिस सेवा के लिए योग्यता प्राप्त की। उनकी कानून प्रवर्तन में न्याय, लोक सेवा, और विधि व्यवस्था को बनाए रखने के प्रति उनकी सुदृढ़ प्रतिबद्धता से चिह्नित है।

आर्य की यात्रा केवल शैक्षणिक और पेशेवर जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं है, वे एक साहसी व्यक्तित्व के धनी हैं और बाहरी गतिविधियों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। वे उत्तरकाशी के प्रतिष्ठित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एक योग्य पर्वतारोही हैं और औली से एक प्रमाणित स्कीयर हैं। उनके फिटनेस के प्रति जुनून का उदाहरण है कि उन्होंने हैदराबाद मैराथन और दिल्ली हाफ मैराथन में भाग लिया और उन्हें पूरा किया।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को गर्व है कि उसने ऐसे व्यक्तित्व का पोषण किया है, और श्री अनुराग आर्य की असाधारण उपलब्धियाँ पूरे बीएचयू समुदाय के लिए प्रेरणा स्रोत और अनुकरणीय हैं। महिलाओं की श्रृंखलाबद्ध हत्याओं के मामले को उजागर कर पीड़ितों को न्याय दिलाने में उनका अनुकरणीय कार्य इस विश्वविद्यालय के दृढ़ता, ईमानदारी और सेवा के मूल्यों का साक्षात्कार है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार विशेष रूप से विज्ञान संकाय, भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष सहित शिक्षकों व विद्यार्थियों के अलावा ब्रोचा छात्रावास के प्रशासनिक संरक्षक, संरक्षक व छात्रों ने आर्य की इस उपलब्धि को गर्व का विषय बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है और उन्हें शुभकामनाएं व हार्दिक बाधाई देते हुए राष्ट्र की सेवा में उनकी यात्रा के जरिए निरंतर सफलता की कामना की है।

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