ICONEST 2024

ICONEST 2024: आई आई टी (बीएचयू) के पीएच.डी. शोधार्थियों का “आइकोनेस्ट-2024” में सम्मान

ICONEST 2024: जैव रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग की दो शोधर्थियों के अंतर राष्ट्रीय सम्मेलन मे महत्वपूर्ण सफलता पर संस्थान हुआ गौरवांवित

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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 03 अक्टूबर:
ICONEST 2024: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी के जैव रासायनिक अभियांत्रिकी स्कूल की दो पीएच.डी. शोधार्थी, रोहिणी कुमारी और डाफिका एस. डेखार को उनकी उत्कृष्ट अनुसंधान उपलब्धियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन इलेक्ट्रोकेमिकल विज्ञान और प्रौद्योगिकी (ICONEST 2024) में सम्मानित किया गया है। गत दिनों इस सम्मेलन को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (CSIR-NPL), नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें इलेक्ट्रोकेमिकल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वभर से विशेषज्ञों ने भाग लिया और नवीनतम प्रगति पर चर्चा की।

इस जानकारी को साझा करते हुए डॉ. प्रांजल चंद्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, ने बताया कि रोहिणी कुमारी को उनके नवाचारी अनुसंधान कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका शोध “पर्यावरणीय मैट्रिक्स में संदूषक के पता लगाने के लिए 3D मेटैलिक डेंड्राइट्स युक्त उच्च उत्प्रेरक नैनोइलेक्ट्रॉनिक इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसिंग चिप” के विकास पर आधारित है। यह चिप 1,4-डायोक्सेन (1,4-D), एक औद्योगिक संदूषक, का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर शीघ्र और विश्वसनीय पता लगाने में सक्षम है। यह नवाचार जल शुद्धता और पर्यावरण सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रयासों को मजबूती प्रदान करता है और स्वच्छ भारत के मिशन को आगे बढ़ाता है।

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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डाफिका एस. डेखार को सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका शोध “पिकलोरम के पता लगाने के लिए रासायनिक रूप से संशोधित मल्टीवॉल्ड कार्बन नैनोट्यूब और रिड्यूस्ड ग्राफीन ऑक्साइड नैनोकंपोजिट का डिजाइन और निर्माण” पर आधारित है। यह संवेदनशील नैनोकंपोजिट सेंसर पिकलोरम, जो एक व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला हर्बीसाइड है, का चावल और मृदा जैसे पर्यावरणीय नमूनों में सफलतापूर्वक पता लगाने में सक्षम है। उनके इस अनुसंधान ने कृषि और पर्यावरणीय अनुप्रयोगों में उच्च दक्षता और सटीकता साबित की है।

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दोनों शोधार्थियों ने अपना यह महत्वपूर्ण अनुसंधान डॉ. प्रांजल चंद्रा के निर्देशन में किया, जो आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी के जैव रासायनिक अभियांत्रिकी स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनके इस उत्कृष्ट कार्य ने संस्थान की उच्चस्तरीय अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया और पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान में योगदान दिया।

ICONEST 2024 का आयोजन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (CSIR-NPL), नई दिल्ली द्वारा इलेक्ट्रोकेमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) परिसर, बेंगलुरु के सहयोग से किया गया। इस सम्मेलन ने शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में हालिया प्रगति पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक मंच प्रदान किया।

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