Ganga Ghat Program Permission: वाराणसी नगर निगम की अनुमति के बिना गंगा घाटों पर नही कर सकेगें कोई आयोजन
Ganga Ghat Program Permission: बिना अनुमति के आयोजन कर रहे व्यक्ति से वसूला रु0 1.75 लाख का जुर्माना
- Ganga Ghat Program Permission: अब संस्थाओं को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ ही नगर निगम से भी लेना होगा अनापत्ति प्रमाण पत्र

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 13 दिसंबर: Ganga Ghat Program Permission: अब गंगा घाटों पर बिना नगर निगम की अनुमति के कोई संस्था या व्यक्ति गंगा नदी के घाटों पर कोई आयोजन या कार्यक्रम नही कर सकता है। इस सम्बन्ध में नगर निगम, वाराणसी द्वारा सख्ती शुरू कर दी गयी है। प्रायः यह देखा जाता है कि कई संस्थाओं या व्यक्तियों के द्वारा आये दिन गंगा घाटों पर विभिन्न आयोजन करते हैं तथा उनके द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन या अन्य विभागों से अनुमति तो ले ली जाती है, परन्तु नगर निगम से अनुमति प्राप्त नही करते हैं।

विदित है कि नगर निगम ही घाटों की साफ सफाई, मरम्मत एवं अन्य सौन्दर्यीकरण का कार्य करता है, जिससे कार्यक्रम के समापन के पश्चात वहॉ पर काफी गन्दगी एवं कहीं कहीं पर टूट फूट भी हो जाती है, जिसे नगर निगम द्वारा ठीक कराया जाता है। उसी को देखते हुये नगर निगम प्रशासन के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब कोई भी संस्था या व्यक्ति अपने कार्यक्रम की अनापत्ति नगर निगम से भी प्राप्त करेगा।

उसी क्रम में शिवाला घाट, गुलेरिया घाट तथा भोसले घाट पर गौरव कपूर नाम का व्यक्ति पंडाल लगाकर प्रचार-प्रसार का कार्य कर रहे थे। सूचना मिलने पर राजस्व विभाग के विभागाध्यक्ष सहायक नगर आयुक्त अनिल यादव तत्काल मौके पर पहुॅच कर जब पता किया गया तो गौरव कपूर के द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम किया जाता है, परन्तु नगर निगम से अनुमति प्राप्त नही की जाती है। नगर निगम से अनुमति प्राप्त न करने की दशा में सहायक नगर आयुक्त के द्वारा रु0 1.75 लाख जुर्माना लगाया गया, तथा आयोजक द्वारा तत्काल जुर्माने की धनराशि जमा की गयी।
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नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के द्वारा आम जनमास से आग्रह किया गया है कि यदि उनके द्वारा किसी भी प्रकार आयोजन गंगा के घाटों पर किया जाना है तो उसके पूर्व उने द्वारा नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा, अन्यथा कि स्थिति में उनके विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
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