Flood in Kashi: काशी में बाढ़ से स्तिथि ही विकराल
Flood in Kashi: काशी में बाढ़ की उच्चतम बिंदू 1978 मे एच एफ एल 73.36 मीटर हुई थी रिकॉर्ड, सोमवार को 72 मीटर को पार करने वाली हैं गंगा
- मंडलायुक्त द्वारा लगातार गंगा के जलस्तर पर रखी जा रही नजर, एस राजलिंगम ने बाढ़ क्षेत्र का किया सघन निरीक्षण
- बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत किट मुहैया कराने का मंडलायुक्त ने दिया निर्देश:
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 04 अगस्त: Flood in Kashi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र मे बाढ़ से स्तिथि विकराल हो गई. गंगा के वेग मे लगातार तीव्रता के कारण, गंगा खतरे के निशान से, एक मीटर उपर बह रही हैं. सोमवार को गंगा का जलस्तर 72 मीटर को पार कर गई. काशी में बाढ़ की उच्चतम बिंदू 1978 मे 73.36 मीटर रिकार्ड हुई थी. 1978 की बाढ़ का मैं चस्मदीद हूँ. उस वक्त मैं सी एच एस का छात्र था. मेरे स्कूल के सामने लगभग दो फिट बाढ का पानी था. गुरुबाग तिराहे और एंग्लो बंगाली स्कूल के सामने मेरी साइकिल डूब गई थी. अस्सी चौराहा, गौदौलिया, सामने घाट, बी एच यू, आदि स्थानों पर लगभग एक सप्ताह तक नावें चली. लगभग आधा बनारस जल मग्न हो गया था.
काशी मे गंगा के तीव्रवेग से काशीवासी अब डरने लगे हैं. हालांकि काशी के संसद सदस्य एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 2 अगस्त को, मंडलायुक्त एस राजलिंगम और डी एम सत्येंद्र कुमार से बाढ़ के बारे मे विस्तार से जानकारी ली और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का निर्देश दिया था.
लगातार भारी वर्षा के कारण गंगा नदी का जलस्तर वाराणसी में खतरे के बिंदु को पार कर चुका है, और इसके शीघ्र ही अधिकतम जलस्तर बिंदु को पार करने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जनजीवन की सुरक्षा एवं संभावित आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मंडलायुक्त एस राजलिंगम द्वारा लगातार गंगा नदी में बढ़ते हुए जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. मंडलायुक्त ने रविदास पार्क से नाव पर सवार होकर अस्सी घाट होते हुए ललिता घाट नेपाली मंदिर तक बाढ़ क्षेत्र तथा उससे प्रभावित जनजीवन की सहायतार्थ सघन स्थलीय निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त ने अधिकारियों के साथ बाढ़ से निपटने की तैयारियों, त्वरित बचाव कार्यों एवं राहत वितरण व्यवस्था की गहन समीक्षा की। साथ ही संभावित बाढ़ के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए समन्वित रणनीति तैयार करने पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया, जिससे किसी भी आपात स्थिति में प्रभावी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
निरिक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर को निर्देशित किया गंगा की बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में निरिक्षण कर यह सुनिश्चित करें की कोई भी व्यक्ति बाढ़ के पानी में ना फसने पाए। कोई भी परिवार बाढ़ से प्रभावित होता है तो तत्काल उस परिवार को बाढ़ राहत किट वितरण किया जाए। बाढ़ के दौरान कोई पशु भी प्रभावित न होने पाए पूर्व में ही पशुओं को चिन्हित करते हुए उनको भी ससमय सुरक्षित स्थान पर भेज दिया जाए।
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त द्वारा बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे लोगों को सभी जरूरी वस्तुओं को मुहैया कराने के निर्देश दिये गये। उन्होंने ड्यूटीरत अधिकारियों/कर्मचारियों को लगातार प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने हेतु निर्देशित किया गया। नगर निगम को साफ-सफाई हेतु लगातार अभियान चलाने को कहा ताकि उचित सेनिटेशन मेनटेन रहे।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम सदर अमित कुमार, एसडीएम शम्भु कुमार, एनडीआरएफ, जल पुलिस समेत स्थानीय प्रशासन के लोग उपस्थित रहे।