Auction of sand ghats: बालू घाटों की नीलामी को लेकर सभी उपायुक्तों को निर्देश
Auction of sand ghats: सितंबर के पहले पखवारे तक पूर्ण करें बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया: अलका तिवारी, मुख्य सचिव

रांची, 21 अगस्त: Auction of sand ghats: मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी उपायुक्तों को राज्य के तमाम व्यावसायिक बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया सितंबर के पहले पखवारे तक पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त नीलामी के पहले बालू घाटों की नई पालिसी को पूरी तरह समझ लें, ताकि नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी हो और उस दौरान कोई तकनीकी समस्या नहीं आये। इसके लिए उन्होंने खनन पदाधिकारी सहित उपायुक्तों को भी बेसिक जानकारी के लिए प्रशिक्षित होने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इसका मकसद सिर्फ यह है कि उपायुक्त पूरी स्पष्टता और तैयारी के साथ नीलामी को संपन्न करा सकें। यह राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। नई बालू नीति से सरकार की मंशा जहां उपभोक्ताओं को उचित कीमत पर बालू सर्वसुलभ कराना है, वहीं बालू के अवैध कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और अन्य राज्यों से बालू के आवक को हतोत्साहित करना है। वह बुधवार को बालू घाटों की नीलामी को लेकर तमाम उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब थीं।
खान सचिव अरवा राजकमल और खान निदेशक राहुल सिन्हा ने कहा कि बालू घाटों की नीलामी में खान विभाग के साथ उपायुक्तों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। इसलिए सभी उपायुक्त इसे गंभीरता से लें और पूरी स्पष्टता तथा तैयारी के साथ नीलामी प्रक्रिया संपन्न करायें। इसके लिए उन्होंने उपायुक्तों को नीलामी प्रक्रिया का मॉक ड्रिल करने की भी सलाह दी। साथ ही पूरी प्रक्रिया से नीलामी लेने वालों को भी अवगत कराने को कहा। जरूरी होने पर हेल्पलाइन भी उपलब्ध कराने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर के बाद से बालू घाटों से खनन पर ग्रीन ट्रिब्यूनल का प्रतिबंध खत्म होगा। उसके पहले बालू घाटों की नीलामी पूर्ण होने से खनन ससमय शुरू होगा और राज्य में बालू की किल्लत नहीं होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बालू का दर निर्धारण सरकार नहीं करेगी। लेकिन, बालू का वैध कारोबार हो, इसकी पूर्ण व्यवस्था प्रशासन करेगा। उपायुक्तों को यह अधिकार होगा कि नियम का अनुपालन नहीं करने वाले का ठेका रद्द कर सकें।
बालू घाटों को दो कैटेगरी में विभाजित किया गया है। पहली कैटेगरी में पांच हेक्टेयर से कम रकबा वाले बालू घाट होंगे। इनका संचालन ग्राम सभा के माध्यम से होगा। ऐसे 374 बालू घाट हैं। दूसरी कैटेगरी में 5 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले बालू घाटों की नीलामी होगी। इसके लिए छोटे-बड़े बालू घाटों को मिलाकर कुल 60 समूह बनाये गये हैं।
किसी भी एक व्यक्ति को एक हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा का बालू घाट नहीं दिया जाएगा और दो से अधिक समूह का ठेका भी नहीं दिया जाएगा। इसके पहले बालू घाटों की नीलामी की पूरी प्रक्रिया को पीपीटी के माध्यम से उपायुक्तों से साझा किया गया। खनन से जुड़े पर्यावरण के मसले पर सिया के सदस्य राजीव लोचन बख्शी ने विस्तार से प्रकाश डाला। जैप आइटी के प्रतिनिधियों ने नीलामी की तकनीकी प्रक्रिया को विस्तार से बताया, ताकि कोई उलझन नहीं रहे।
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