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Assi River Revival: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की पौराणिक अस्सी नदी के पुनरुद्धार की कवायद हुई तेज

Assi River Revival: वाराणसी विकास प्राधिकरण मे आई आई टी बी एच यू के तकनीकी विशेषज्ञों संग हुई समीक्षा बैठक

  • Assi River Revival: वी डी ए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के साथ हुई समीक्षा बैठक मे, आई आई टी बी एच यू के विशेषज्ञों ने प्रस्तुत किया प्रगति रिपोर्ट
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 18 दिसंबर:
Assi River Revival: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की पौराणिक नदी अस्सी को नया जीवन प्रदान करने की कवायद तेज हो गयी है. वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने संबंधित अधिकारियों और आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, वाराणसी के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। इसका उद्देश्य अस्सी नदी के पुनरुद्धार के लिए ड्राइंग, डिजाइन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की तैयारी की प्रगति की समीक्षा करना था।

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बैठक में अस्सी नदी के पुनरुद्धार के लिए तैयार की जा रही प्राइमरी इंस्पेक्शन परियोजना पर चर्चा की गई। आईआईटी बीएचयू के तकनीकी सदस्यों ने विस्तृत प्लान तैयार करने की दिशा में अब तक हुई प्रगति को प्रस्तुत किया। इस दौरान उपाध्यक्ष गर्ग ने अस्सी नदी के शुरूआत में आ रहे 04 तालाबों यथा- अपस्ट्रीम आफ कर्दमेश्वर महादेव मंदिर तालाब, कर्दमेश्वर तालाब, कंदवा तालाब तथा कंचनपुर तालाब की सफाई एवं जीर्णाेद्धार आदि कार्य के लिए बी0ओ0क्यू0 तैयार कराने तथा कांसैप्ट प्लान एवं अन्य तकनीकी परीक्षण आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, वाराणसी से कराते हुए निविदा आमंत्रित करने के निर्देश दिये गये।

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बैठक में आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, के विशेषज्ञों द्वारा अवगत कराया गया कि अस्सी नदी वर्तमान में एक जीवित नदी है तथा इसके कैचमेंट एरिया में फ्लोरा एवं फाउना का काफी अच्छा विकसित बायोडायवर्सिटी है। इसे संरक्षित रखते हुए अस्सी नदी के पुनर्जीवन एवं पुनरूद्धार हेतु कार्य किया जाना आवश्यक है। विशेषज्ञों द्वारा अन्य विभाग यथा- जलकल, जल निगम तथा सिंचाई विभाग द्वारा अस्सी नदी के कैचमेंट एरिया में कराये जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी चाही गयी। साथ ही अस्सी नदी के कैचमेंट एरिया में बने सीवर लाईन का डिटेल्ड प्लान उपलब्ध कराने के अनुरोध किये गये।

बैठक में उपाध्यक्ष, पुलकित गर्ग द्वारा सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को वांछित सूचना प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने एवं आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये गये, जिससे अस्सी नदी के जीर्णाेद्धार का कार्य जल्द से जल्द संपन्न हो सके।बैठक में निर्णय लिया गया कि इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक 15 दिवस पर की जाय, जिससे परियोजना में गति आ सके। इसके अलावा, जीर्णाेद्धार योजना से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई।

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उपाध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना वाराणसी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के मद्देनजर बेहद अहम है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, वाराणसी के प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह, प्रोफेसर बृन्द कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिशिर गौर, डॉ0 पद्मा सोनी, प्रोफेसर भनलर पाण्डेय, मेघा झा एवं स्नेहा द्वारा प्रतिभाग किया गया।

वहीं, वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से अपर सचिव डॉ0 गुडाकेश शर्मा, अधीक्षण अभियंता, अजय पवार, अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार शर्मा के साथ ही जल निगम (शहरी), वाराणसी से अधिशासी अभियन्ता, मो0 इजाज, जलकल विभाग, वाराणसी से अधिशासी अभियन्ता, राम औतार एवं सिंचाई विभाग, वाराणसी के सहायक अभियन्ता, सतीश कुमार उपस्थित रहे।

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