Asi River of Kashi: काशी की मृत पौराणिक असि नदी को जिंदा करने के भागीरथ प्रयास ने पकड़ी रफ्तार
Asi River of Kashi: वाराणसी विकास प्राधिकरण और आई आई टी बी एच यू के विशेषज्ञों ने असि नदी पुनरुद्धार कार्य को, कागज से उतारा ज़मीन पर
पहली बार वी डी ए के किसी उपाध्यक्ष ने असि नाले (नदी ) का किया मौका मुआईना, असि नदी के गोद मे बने सैकड़ो अवैध निर्माण पर कारवाई करने का दिया आदेश

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 19 दिसंबर: Asi River of Kashi: विश्व के प्राचीनतम शहर काशी की मृत पौराणिक असि नदी को जिंदा करने के भागीरथ प्रयास ने, धीरे धीरे रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है. पिछले कई महीने से असि नदी के पुनरोद्धार हेतु चल रहे ड्राइंग, डिजाइन, डी पी आर एवं बैठकों के दौर के बाद अब कार्य ज़मीन पर उतर गया है.
पहली बार वी डी ए के किसी उपाध्यक्ष ने असि नदी के पुनरुद्धार हेतु भागीरथ संकल्प लिया और उसे ज़मीन पर उतार कर करवाई तेज कर दी. गुरुवार को वी डी ए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने आई आई टी बी एच यू के विशेषज्ञों के साथ असि नाला ( नदी ) का ना केवल मौका मुआयना किया, बल्कि असि नदी के गोद ( प्रवाह क्षेत्र ) मे बने सैकड़ो अवैध निर्माण के खिलाफ करवाई करने का निर्देश दे दिया.
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विदित है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान, बी एच यू के माध्यम से अस्सी नदी के पुनरुद्धार हेतु ड्राइंग, डिजाइन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराये जाने का कार्य गतिमान है। इस कार्य की प्रगति समीक्षा उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने गत 17 दिसंबर को संबंधित अधिकारियों और आई0आई0टी0 बी0एच0यू0, वाराणसी के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ की थी।
इसी क्रम में उपाध्यक्ष गर्ग ने गुरुवार 19 दिसंबर को वाराणसी के अस्सी नदी के जीर्णोद्धार की परियोजना के करमेश्वर, कंदवां, कर्माजीतपुर एवं अस्सी नदी एवं नाले से प्रभावित ग्रामों / क्षेत्रों का टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने कई निर्देश प्रदान किये.
उपाध्यक्ष द्वारा अस्सी नदी एवं नाले से प्रभावित मोहल्ला-करमेश्वर तालाब के पास पोखरी, कंदवां एवं कर्माजीतपुर तालाबों/पोखरा की भू-स्वामित्व की जांच करते हुये सीमांकन कर पत्थर लगाने हेतु निर्देश प्रदान किए गए इस हेतु वीडीए व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के गठन हेतु आदेशित किया गया।

अस्सी नदी के शुरूआत में आ रहे 04 तालाबों यथा- अपस्ट्रीम आफ कर्दमेश्वर महादेव मंदिर तालाब, कर्दमेश्वर तालाब, कंदवा तालाब तथा कंचनपुर तालाब की सफाई तथा डिसिल्टिंग कार्य कराने जाने हेतु तत्काल निविदा प्रक्रिया करने हेतु निर्देशित किया गया।अस्सी नदी की राजस्व अभिलेखों में दर्ज चौड़ाई तथा वर्तमान समय में स्थल पर उपलब्ध चौड़ाई की विस्तृत जांच करते हुये डिमार्केशन करने हेतु राजस्व विभाग को निर्देश प्रदान किये गये।वाराणसी नगर निगम से गार्बेज वल्नेराबल पॉइंट्स प्राप्त करते हुये तथा सर्वेक्षण में चिन्हित ठोस अपशिष्ट डम्पिंग स्थलों की पहचान कर उनके निस्तारण की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
स्थल निरीक्षण के दौरान कंचनपुर स्थित एसटीपी में इनलेट (सीवेज पानी) तथा आउटलेट (शोधित जल) पर जल की मापी करने हेतु कोई व्यवस्था नहीं मिलने पर उपाध्यक्ष द्वारा संबन्धित विभाग को फ़्लो मीटर (Flow Meter) लगवाने हेतु निर्देश प्रदान किये गये जिससे एसटीपी की क्रियाशीलता तथा शोधित किये गये जल की वास्तविक मात्रा के विषय में स्पष्ट जानकारी मिल सके। उपाध्यक्ष द्वारा अस्सी नदी के प्रवाह क्षेत्र में मुख्य स्थानों पर नदी से संबन्धित सूचना पट्ट / बोर्ड लगाने हेतु निर्देशित किया गया।
अस्सी नदी के प्रवाह क्षेत्र के आस-पास अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण पर नाराजगी व्यक्त करते हुये वीडीए एवं नगर निगम के प्रवर्तन अधिकारियों को नियमानुसार विधिक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। अस्सी नदी के पुनरुद्धार हेतु ड्राइंग, डिजाइन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर यथाशीघ्र पुनरुद्धार कार्य प्रारम्भ करने हेतु निर्देशित किया गया।
स्थल निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष महोदय के अतिरिक्त आईआईटी- बीएचयू की तकनीकी टीम, वीडीए, नगर निगम एवं स्थानीय राजस्व टीम उपस्थित रही। निरीक्षण के समय असि नदी के प्रवाह क्षेत्र मे बने अवैध निर्माण करने वाले एवं अन्य लोग, तरह तरह की चर्चा करते देखे गये.
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