Tata Mumbai Marathon 2024

Tata Mumbai Marathon 2024: पश्चिम रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने टाटा मुंबई मैराथन 2024 में भाग लिया

Tata Mumbai Marathon 2024: पश्चिम रेलवे की एथलीट अमृता पटेल ने पश्चिम रेलवे को गौरवान्वित किया तथा हाफ मैराथन ओपन वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया

मुंबई, 21 जनवरीः Tata Mumbai Marathon 2024: आज (रविवार 21 जनवरी को) 59,000 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिष्ठित टाटा मुंबई मैराथन में हिस्सा लिया, जो एशिया की सबसे बड़ी मैराथन में से एक है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने टाटा मुंबई मैराथन 2024 में 10 किमी के इवेंट में भाग लिया। पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने विभिन्न श्रेणियों, फुल मैराथन, हाफ मैराथन, 10 किमी, ड्रीम रन आदि के कार्यक्रमों में भाग लिया। इस विशाल खेल आयोजन में 80 से अधिक अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के एक समूह ने भाग लिया।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार टाटा मुंबई मैराथन 2024 में वेस्टर्न रेलवे स्पोर्ट्स एसोसिएशन के एथलीटों ने भी भाग लिया और संगठन का गौरव बढ़ाया। पश्चिम रेलवे की एथलीट अमृता पटेल ने पश्चिम रेलवे को गौरवान्वित किया तथा हाफ मैराथन ओपन वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया और इसे पूरा करने में 01 घंटा 19 मिनट 17 सेकेंड का समय लिया। पश्चिम रेलवे अपनी एथलीट की इस महान उपलब्धि पर गर्व करती है और वह उनके भविष्य के लिए सफलता की कामना करती है।

ठाकुर ने बताया कि चर्चगेट के पास एक मंच स्थापित किया गया था जिसमें धावकों के उत्साह को बढ़ाने और रेलवे पर सुरक्षित यात्रा को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली, पश्चिम रेलवे और मध्‍य रेल के आरपीएफ बैंड ने मधुर गाने बजाए। पश्चिम रेलवे और मध्य रेल के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा टाटा मुंबई मैराथन के दौरान ‘मिशन जीरो डेथ’ और महिला यात्री सुरक्षा विषय पर जागरूकता अभियान चलाया गया। विशेष रूप से पश्चिम रेलवे और मध्‍य रेल के 25 आरपीएफ कर्मियों ने मैराथन में भाग लिया।

मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए अशोक कुमार मिश्र ने कहा कि पश्चिम रेलवे ने ‘जीरो डेथ मिशन’ की पहल को अपनाया है। इस पहल का लक्ष्य ट्रेसपासिंग की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटना है। इस दिशा में पश्चिम रेलवे द्वारा कई जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से विभिन्न पहलों के ज़रिये जैसे- यात्रियों से अपील, “मिशन यमराज”, जहां आरपीएफ कर्मचारी “यमराज” की तरह कपड़े पहनकर ट्रेस पासिंग करने वालों को पकड़ता हैं और उन्हें ऐसा न‌ करने की सलाह देता है।

इस अभियान का उद्देश्य ट्रेसपासिंग करने वालों में एक मजबूत मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करना है। इसके अलावा ऑपरेशन ‘मेरी सहेली’ भी है, जिसका उद्देश्य लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले या नाबालिगों के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है। खोए/भागे हुए बच्चों को बचाने के लिए आरपीएफ का एक अन्य अभियान ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते” है। महिला यात्रियों और बच्चों की सुरक्षा पश्चिम रेलवे के लिए हमेशा सर्वोच्‍च प्राथमिकता रही है।

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