World Hindi Day: हिंदी पे हम सबको नाज है: प्रिया सिंह

प. कार्बी आंगलांग (असम)
|| हिंदी पे हम सबको नाज है || (World Hindi Day)
बावन अक्षर से सजी, माँ सी मुझे प्यारी हैं
जो बहती मेरी रोम-रोम में, लहू सी बनकर
वो हिंदी मेरी आत्मा है।
वो हिंदी मेरा आत्मसम्मान है
हिंदी में जो रुतबा है, वो ही मेरा गुरुर है।
मेरी जिंदगी का सार है हिंदी
शब्दों का एक खूबसूरत मीनार है हिंदी
मेरी पहचान,मेरा नाम और मेरा वजूद है हिंदी
जितना कहे वो कम है,
इस भाषा के अलौकिक शान में
ना ही तो तू मेरी बस
ना ही बस तू किसी अकेले की
तू है हम सबकी हिंदी
और तुझपे हम सबको नाज हैं।
|| विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ||
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