Mere bal gopal: ऐसे हैं मेरे बाल गोपाल..!
ऐसे हैं मेरे बाल गोपाल..! (Mere bal gopal)
Mere bal gopal: कारागाह में जन्म लिया
गोकुल में वो पले बड़े
व्रंदाबन में रास रचाया
ग्वाल बालों संग खड़े रहे
प्रेम की खुद मूरत हैं
जिन्हें सब कहते नंदलाल
ऐसे है मेरे बाल गोपाल….!
ग्वालों संग गोपियां छेड़ें
मुरली से सबका मन मोह ले
गोपियों को इतना तंग करें
रोज दही की मटकी फोड़े
भिन्न भिन्न करतब दिखाए
हर गोपी के मन के दुलार
ऐसे हैं मेरे बाल गोपाल….!
मथुरा व्रंदावन में रास रचाए
गोपियां रोज शिकायत लाए
मैया यशोदा का मन हर्षाए
प्रेम से माता उन्हे समझाए
सृष्टि के सृजन करता
करें दुष्टों का संहार
ऐसे हैं मेरे बाल गोपाल….!
बचपन से नटखट किशोर
प्रेम की मूरत मन चितचोर
चोरी करते माखन चोर
उनके जैसा ना कोई और
राधा की मतवाली चाल
रंग दिए प्रेम से गुलाबी गाल
ऐसे हैं मेरे बाल गोपाल….!
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