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Fish Market: केंद्रीय मत्स्य सचिव ने अत्याधुनिक मछली बाजार के विकास की किया समीक्षा

Fish Market: केंद्रीय मत्स्य सचिव डॉ. अभिलाक्ष लिखी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत चंदौली में अत्याधुनिक मछली बाजार के विकास की समीक्षा कर दिये आवश्यक निर्देश

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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 23 अप्रैल:
Fish Market: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य विभाग के केंद्रीय सचिव डॉ. अभिलाक्ष लिखी ने चंदौली में विकसित किए जा रहे अत्याधुनिक थोक मछली बाजार का दौरा कर उसके निर्माण कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। यह बाजार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत स्थापित किया जा रहा है। दौरे के उपरांत सचिव ने स्थानीय मछुआरों और मत्स्य पालकों से संवाद कर जमीनी स्तर पर आ रही चुनौतियों और आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त की।

स्थानीय मछुआरों के लिए सहायक होगा चंदौली का आधुनिक (Fish Market) मछली बाजार
भारत के सबसे बड़े अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन वाले राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष लगभग 11.60 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन के साथ देश के कुल उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। मत्स्य मूल्य श्रृंखला में मौजूदा अंतराल को दूर करने और मछुआरों को बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करने हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आधुनिक मछली बाजार, कियोस्क और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं के विकास को समर्थन प्रदान किया जा रहा है। इसी उद्देश्य के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में चंदौली में एक अत्याधुनिक थोक मछली बाजार की परियोजना को ₹61.88 करोड़ की बजटीय स्वीकृति के साथ मंजूरी प्रदान की गई थी।

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इस परियोजना का उद्देश्य पोस्ट-हार्वेस्ट अवसंरचना को मजबूत करना और मछुआरों के लिए बाजारों तक पहुंच को बेहतर बनाना है। इस विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त बाजार में थोक एवं खुदरा क्षेत्र, केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन प्रणाली, कोल्ड स्टोरेज, प्रसंस्करण इकाइयां, अपशिष्ट जल उपचार, वर्षा जल संचयन, एलईडी प्रकाश व्यवस्था जैसी सतत् अवसंरचनाएं शामिल होंगी।

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इस अवसर पर डॉ लिखी ने बताया कि डिजिटल नीलामी मंच, रीयल-टाइम इन्वेंट्री प्रबंधन, ऑनलाइन ट्रेसबिलिटी और एआई आधारित संचालन, लॉजिस्टिक्स एवं ग्राहक सेवा से जुड़ी स्मार्ट सुविधाएं भी इस बाजार का हिस्सा होंगी। इसके अतिरिक्त, इसमें अपशिष्ट पुन: उपयोग प्रणाली, स्वचालित सफाई, ऊर्जा निगरानी, प्रमाणन एजेंसियों, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, कल्याण सेवाओं और क्षमता निर्माण की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे यह एक समावेशी, सतत और भविष्य-उन्मुख मत्स्य विपणन केंद्र के रूप में विकसित होगा.

यह पहल मत्स्य मूल्य श्रृंखला में समेकित पोस्ट-हार्वेस्ट सुविधाओं और बाजार संपर्क को एकीकृत कर ‘कैच से कंज्यूमर’ तक की निर्बाध कड़ी सुनिश्चित करेगी और मूल्य संधारण को बढ़ावा देगी।

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