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Shri Bharat Dharma Mahamandal: श्री भारत धर्म महामंडल का 125 वाँ स्थापनौत्सव संपन्न

Shri Bharat Dharma Mahamandal: संस्कृत एवं सनातन धर्म के विकास में महत्वपूर्ण योगदान हेतु विद्वानों का हुआ सम्मान

  • समारोह की अध्यक्षता किया पूर्व कुलपति प्रो राम मोहन पाठक एवं मुख्य अतिथि रहे प्रो सुधाकर मिश्र
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 13 जून:
Shri Bharat Dharma Mahamandal: श्री भारत धर्म महामंडल का 125 वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ. लहुराबीर स्थित श्री विश्वेश्वर ट्रस्ट सोसाइटी परिसर में आयोजित समारोह की अध्यक्षता पूर्व कुलपति प्रो. राम मोहन पाठक ने किया. प्रारंभ मे महर्षि स्वामी ज्ञानानन्द जी द्वारा संस्थापित श्री भारत धर्म महामंडल के स्थापना दिवस समारोह मे संस्था के आल इंडिया कौंसिल के अध्यक्ष सत्य नारायण पांडेय ने मुख्य अतिथि प्रो. सुधाकर मिश्र, वेदान्त विभागाध्यक्ष एवं अन्य उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए महर्षि के महान व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की तथा उनके द्वारा स्थापित प्राचीन संस्था श्री भारत धर्म महामंडल के उद्येश्यों से अवगत कराया l

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व अध्यक्ष द्वारा महर्षि ज्ञाना नंद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से तथा पण्डित मुरारी उपाध्याय व पण्डित अनिल तिवारी के वैदिक मंगलाचरण से हुआ l संस्था के जनरल सेक्रेटरी सत्येंद्र मिश्र ने अध्यक्ष व मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया l आयोजन में संस्था की पूर्व परम्परा के अनुसार इस वर्ष भी देव भाषा संस्कृत व सनातन धर्म के उन्नयन एवं विकास में निरत विद्वानो, प्रो. कमला कांत त्रिपाठी अध्यक्ष भीमांसा विभाग सं सं वि. व प्रो. राम पूजन पांडेय न्याय विभागाध्यक्ष का अंग वस्त्रम, स्मृति चिन्ह व सम्मान राशि आदि से सम्मानित किया गया l

उक्त अवसर पर श्री विद्या मठ के श्री परमात्मा नन्द ब्रम्हचारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि महर्षि स्वामी ज्ञानानंद जी ने श्री भारत धर्म महामंडल की स्थापना कर धर्म प्रतिष्ठा का अप्रतिम कार्य किया है जो भारतवासियों के लिए अत्यन्त प्रेरणादायक है l राजेश्वरी अंबा ने सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु धर्म के मूल में गो प्रतिष्ठा पर बल दिया l प्रो. कमला कांत त्रिपाठी ने धर्म रथ के स्वरूप का विस्तृत विवेचन किया l प्रो. राम पूजन पांडेय ने गीता के तत्वों की विवेचना की l

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मुख्य अतिथि प्रो. सुधाकर मिश्र नें धर्म के स्वरूप का सूक्ष्म विवेचन करते हुए सनातन धर्म के उन्नयन हेतु विनम्रता व शालीनता की आवश्यकता पर बल देते हुए संस्था व संस्था के स्थापनौत्सव के प्रति अपने आशीर्वचन से अपनी शुभकामनाएं दीं. अध्यक्ष प्रो. राम मोहन पाठक ने सनातन धर्म व देव भाषा संस्कृत के उन्नयन के सम्बंध में अपने सारगर्भित विचार व्यक्त करते हुए संस्था के इतिहास पर प्रकाश डाला और संस्था के प्रति अपनी हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त कीं l कार्यक्रम का कुशल संचालन पूर्व प्राचार्य पण्डित परमेश्वर दत्त शुक्ल ने किया तथा आए हुए अतिथियों के प्रति श्री शिव प्रसाद श्रीवास्तव ने आभार प्रकट किया l

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उक्त आयोजन में पं. सुदामा तिवारी, वीरेंद्र नाथ तिवारी एड. , गोपाल नारायण पांडे, विनोद शंकर उपाध्याय एड. डॉ प्रेम शंकर पांडेय, प्रो. शैलेन्द्र उपाध्याय, मुकेश पाठक, आलोक चंद्र भारद्वाज एड. इन्कम टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष भारद्वाज एड. रमेश उपाध्याय एड, विद्या मठ से राजेश्वरी अंबा, परमात्मानन्द ब्रम्हचारी, शिवा कांत मिश्र, भारतीय मनीषी परिषद के अध्यक्ष नीरज चौबे, राम जी यादव, नीरज पांडेय, धनंजय दूबे, मोहन पांडेय कमल श्रीवास्तव, संतोष दुबे, शिव शंकर पांडेय आदि सहित भारी संख्या में बटुक व छात्र उपस्थित रहे l

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