Revival of Asi River: काशी की पौराणिक नदी असि के पुनरुद्धार हेतु जिला प्रशासन ने कसी कमर
Revival of Asi River: नाला बनी असि नदी को बचाने हेतु जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक. वी डी ए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बैठक का किया संचालन
- आई आई टी बी एच यू के विशेषज्ञों ने असि नदी के पुनरुद्धार हेतु तकनीकी पक्षों पर डाला प्रकाश
- जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग, जल निगम, नगर निगम एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर, शीघ्र रिपोर्ट देने का दिया निर्देश
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 21 जून: Revival of Asi River: काशी की पौराणिक असि नदी के पुनरुद्धार हेतु जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. कई दशक पूर्व नदी से भयंकर नाला बन चुकी असि नदी को बचाने हेतु, जिला प्रशासन के सक्रिय होने से एक बार फिर असि नदी के पुनर जीवन की आस जगी है.
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में अस्सी नदी के पुर्नस्थापन एवं जीर्णोद्धार से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का संचालन पुलकित गर्ग, उपाध्यक्ष वी डी ए ने किया. बैठक में आई०आई०टी० (बी.एच.यू.) से डॉ. शिशिर गौड, विडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े तथा प्रो. प्रभात कुमार सिंह, प्रो. अनुराग ओझा एवं प्रो. बाला नायडू उपस्थित रहकर तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया.
इसके अतिरिक्त डॉ० गुडाकेश शर्मा, अपर सचिव, वाराणसी विकास प्राधिकरण, वाराणसी, सुभाष सिंह, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम, वाराणसी एवं अमित ओमार, एस०डी०एम० सदर, वाराणसी उपस्थित रहे। साथ ही अनूप सिंह, अधिशासी अभियन्ता, जलकल विभाग, कमल सिंह, अधिशासी अभियन्ता, उ०प्र० जल निगम, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, वाराणसी से सी०पी० वर्मा, महेन्द्र कुमार, अधिशासी अभियन्ता, बंधी प्रखण्ड, वाराणसी, तथा अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारीगण भी बैठक में सम्मिलित हुए।
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बैठक के दौरान उपाध्यक्ष, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अवगत कराया कि अस्सी नदी के जीर्णोद्धार एवं पुनः नदी के रूप में पुर्नस्थापन हेतु काम्प्रेहैंसिव प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने हेतु वाराणसी विकास प्राधिकरण एवं आई०आई०टी० बी०एच०यू० के मध्य एम०ओ०यू० सम्पादित हो चुका है. इस क्रम में आई०आई०टी०, बी०एच०यू० के विशेषज्ञ प्रोफेसरों के द्वारा काम्प्रेहेंसिव प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है. बैठक में प्रो० शिशिर गौड़ के द्वारा अस्सी नदी के पुर्नस्थापन एवं जीर्णोद्धार कार्य हेतु एक विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया तथा समग्र कार्य योजना (Comprehensive Action Plan) का प्रस्तुतीकरण आई०आई०टी० (बी.एच.यू.) के द्वारा पहली बार जिलाधिकारी के समक्ष किया गया।
प्रस्तुतीकरण में अस्सी नदी के लगभग 08 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच एवं कैचमेंट एरिया में आने वाले 06 तालाब के सम्बन्ध में विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट से अवगत कराया गया तथा यह भी अवगत कराया गया कि वर्तमान में उपलब्ध अस्सी नदी के प्रारम्भ होने से पूर्व से जनपद-प्रयागराज, भदोही एवं वाराणसी में लगभग 160 किलोमीटर की लम्बाई में पैलिखो चैनल उपलब्ध है। सिंचाई विभाग (बंधी प्रखंड) को आई०आई०टी० (बी.एच.यू.) द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना के आधार पर संशोधित डी.पी.आर. (Detailed Project Report) तैयार कराने के निर्देश दिए गए।
अधिशासी अभियन्ता, जल निगम को निर्देशित किया गया कि अस्सी नदी के समीप एस०टी०पी० से ट्रिटमेंट के उपरान्त निकलने वाले जल को अस्सी नदी में ले जाने के लिए क्या किया जा सकता है? इसका परीक्षण कर अवगत कराया जाय। अधिशासी अभियन्ता, सिंचाई विभाग भदोही को निर्देशित किया गया कि आई०आई०टी० बी०एच०यू० के टीम के साथ स्थल निरीक्षण कर यह परीक्षण कर लें कि, वर्तमान उपलब्ध कैनाल में अधिशेष जल को किस प्रकार अस्सी नदी से लिंक किया जा सकता है। इसका परीक्षण कर अवगत कराया जाय.
अपर नगर आयुक्त, नगर निगम को निर्देशित किया गया कि अस्सी नदी के कैचमेंट क्षेत्र में अभियान चलाकर सफाई एवं कूड़ा उठाने की कार्यवाही पूर्ण करायी जाय तथा भविष्य में भी सतत् रूप से सफाई व्यवस्था की जाय। साथ ही निर्देशित किया गया कि अस्सी नदी की संपूर्ण लंबाई में डिसिल्टिंग की कार्यवाही भी प्राथमिकता पर की जाय। आस-पास रहने वाले निवासी अस्सी नदी में न कूड़ा फेंके इसके लिए डेडिकेटेड टीम भी बनायी जाय।

एस०डी०एम०, सदर को निर्देशित किया गया कि राजस्व अभिलेखों में अस्सी नदी के सम्बन्ध में इंट्री आदि की जॉच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाय। राजस्व विभाग समेकित रूप से इसका परीक्षण कर प्राथमिकता पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।