MoU on Academic-Defence Cooperation: आईआईटी (बीएचयू) और 39 जीटीसी के बीच अकादमिक–रक्षा सहयोग हेतु एमओयू हस्ताक्षरित
MoU on Academic-Defence Cooperation; अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो अमित पात्रा और मेजर जनरल अमित सिंह सोहल के साथ कई विशिष्ट जन थे उपस्थित
- यह एम ओ यू आकादमिक संस्थानों और सशस्त्र बलों के बीच परस्पर सहयोग का है नया अध्याय…. प्रो अमित पात्रा

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 22 अक्टूबर: MoU on Academic-Defence Cooperation: अकादमिक जगत और सशस्त्र बलों के बीच समन्वय को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) एवं 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर (39 जीटीसी), वाराणसी के बीच पारस्परिक सहयोग, ज्ञान आदान-प्रदान और राष्ट्रीय महत्व की संयुक्त पहलों को प्रोत्साहित करने हेतु एक सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
उक्त एमओयू प्रो. राजेश कुमार, डीन (अनुसंधान एवं विकास), आईआईटी (बीएचयू) एवं ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता, एसएम, कमांडेंट, 39 जीटीसी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। हस्ताक्षर समारोह की गरिमा में प्रो. अमित पात्रा, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू); प्रो. सुशांत कुमार श्रीवास्तव, इंचार्ज (उद्योग से संपर्क); प्रो. श्याम कमल, सुश्री स्वाति बिस्वास, संयुक्त रजिस्ट्रार एवं डॉ. देवेंद्र प्रताप, उप-रजिस्ट्रार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे। 39 जीटीसी की ओर से समारोह में मेजर जनरल अमित सिंह सोहल, वीएसएम, जीओसी, पूर्व उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश सब एरिया, प्रयागराज; कर्नल प्रदीप बेहेरा, डिप्टी कमांडेंट; कर्नल टी.बी. छेत्री, ट्रेनिंग बटालियन कमांडर; कर्नल विजय कटोच, एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. आभा मिश्रा, एसोसिएट डीन (अनुसंधान एवं विकास) द्वारा किया गया।
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अवसर पर प्रो. अमित पात्रा, निदेशक, आईआईटी (बीएचयू) ने कहा कि आईआईटी (बीएचयू) और 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के मध्य यह साझेदारी राष्ट्र की सामरिक और तकनीकी प्रगति में योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अकादमिक नवाचार को सैन्य अनुशासन और अनुभव के साथ जोड़कर हम ऐसे समाधान विकसित करना चाहते हैं जो देश की सेवा करें और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त बनाएं। यह एमओयू अकादमिक संस्थानों और सशस्त्र बलों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय है — नवाचार, दृढ़ता और राष्ट्रीय विकास की दिशा में आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
मेजर जनरल अमित सिंह सोहल, वीएसएम ने अपने संबोधन में इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, आईआईटी (बीएचयू) और 39 जीटीसी के मध्य यह सहयोग अकादमिक उत्कृष्टता और सैन्य पेशेवरता के सम्मिलन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस प्रकार की साझेदारियाँ न केवल तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि रक्षा बलों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों की गहन समझ को भी बढ़ाती हैं। इस एमओयू के तहत प्रस्तावित ज्ञान आदान-प्रदान से राष्ट्र की स्वदेशी क्षमताओं को सशक्त करने में सहायता मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत के विजन को गति मिलेगी।
सहयोग के विवरण साझा करते हुए प्रो. राजेश कुमार ने बताया कि इस एमओयू के अंतर्गत दोनों संस्थान अपने-अपने क्षेत्रीय विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करेंगे, साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी गोपनीय या प्रतिबंधित जानकारी अथवा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) साझा न की जाए। यह सहयोग तकनीकी, शैक्षणिक और अनुसंधान संबंधों को सुदृढ़ करने का उद्देश्य रखता है, जिसमें ज्ञान विनिमय, सुविधाओं का उपयोग और संयुक्त पहल शामिल हैं। आईआईटी (बीएचयू) रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनुसंधान परियोजनाओं या अध्ययनों के लिए 39 जीटीसी की सैन्य विशेषज्ञता का लाभ उठा सकता है, जबकि 39 जीटीसी विशेष तकनीकी और शैक्षणिक विषयों पर आईआईटी (बीएचयू) के संकाय सदस्यों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों से परामर्श और तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेगा।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में स्थल भ्रमण, प्रदर्शन एवं परीक्षण, परियोजनाओं का डिजाइन एवं विकास, विद्यार्थियों के प्रेरक भ्रमण, तकनीकी महोत्सवों एवं अन्य आयोजनों में विशेषज्ञता का आदान-प्रदान, संकाय विकास कार्यक्रम (क्यूआईपी), अल्पावधि पाठ्यक्रम एवं कार्यशालाएँ, उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान नामांकन के अवसर, स्टार्टअप इनक्यूबेशन, तथा पर्यावरण एवं सामाजिक पहलों को शामिल किया गया है।
यह साझेदारी संसाधनों के पारस्परिक उपयोग को भी प्रोत्साहित करती है — 39 जीटीसी के अधिकारी एवं कर्मी आईआईटी (बीएचयू) के पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे, जबकि आईआईटी (बीएचयू) के सदस्य 39 जीटीसी के खेल सुविधाओं, बाधा कोर्स एवं प्रशिक्षण अवसंरचना का उपयोग कर सकेंगे।
