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MoU between IIT(BHU) and NCL: आईआईटी (बीएचयू) और एनसीएल के बीच एमओयू बढाया गया 2030 तक

MoU between IIT(BHU) and NCL: स्वच्छ कोयला तकनीकों व नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

 

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
    वाराणसी, 22 जुलाई:  MoU between IIT(BHU) and NCL: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल), कोल इंडिया लिमिटेड की एक अग्रणी सहायक इकाई, के बीच सहयोग को बढ़ावा देने हेतु मौजूदा समझौता ज्ञापन (एमओयू) को वर्ष 2030 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। यह एमओयू पूर्व में 24 नवम्बर, 2018 को हस्ताक्षरित किया गया था, जिसे अब 24 नवम्बर, 2023 से प्रभावी करते हुए 24 नवम्बर, 2030 तक बढ़ाया गया है।

इस अवसर पर आयोजित समारोह में एमओयू पर आईआईटी (बीएचयू) की ओर से प्रोफेसर राजेश कुमार, डीन (अनुसंधान एवं विकास), तथा एनसीएल की ओर से श्री नवीन राय, महाप्रबंधक (खनन)/तकनीकी सचिव, अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, एनसीएल ने हस्ताक्षर किए। उक्त एमओयू के समन्वयक के रूप में आईआईटी (बीएचयू) से प्रोफेसर संजय कुमार शर्मा, प्रोफेसर, खनन अभियंत्रण विभाग, और एनसीएल से श्री नवीन राय को नामित किया गया है।

इस अवसर पर आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि यह सहयोग स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, उत्पाद व्यावसायीकरण, उद्योग आधारित नवाचार, और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा उद्देश्य एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करना है जो उद्योग और समाज दोनों को लाभान्वित करने वाले समाधानों को विकसित कर सके।

 

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एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक बी. साइराम ने कहा कि आईआईटी (बीएचयू) के साथ हमारा सहयोग कोयला खनन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में सदैव लाभकारी रहा है। इस एमओयू के विस्तार से हम स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, डिजिटल नवाचार, तथा क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में और गहन शोध एवं विकास की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

इस अवसर पर कई विशिष्टजन उपस्थित रहे, जिनमें एनसीएल से श्री प्रदीप कुमार, आईआईटी (बीएचयू) से प्रोफेसर देवेंद्र सिंह (डीन अकादमिक कार्य), प्रोफेसर राजेश राय (प्रमुख, खनन अभियंत्रण विभाग), प्रोफेसर ज्योति प्रसाद चक्रवर्ती (रासायनिक अभियंत्रण), प्रोफेसर प्रभाष भारद्वाज (समन्वयक, निर्णय विज्ञान एवं अभियंत्रण स्कूल), मोहम्मद ज़हीर खान यूसुफजई और प्रोफेसर मेघांशु वशिष्ठ (यांत्रिक अभियंत्रण), प्रोफेसर के. के. सिंह और प्रोफेसर जे. के. सिंह (धातुकर्म अभियंत्रण), प्रोफेसर जॉयसूर्य बसु और प्रोफेसर प्रीतम सिंह (सिरेमिक अभियंत्रण), तथा डॉ. बी. एन. वी. शिवा प्रसाद (खनन अभियंत्रण) शामिल थे।

BJ ADVT