Kashi Tamil Sangamam 4.0: काशी तमिल संगमम् 4.0 के लिए वाराणसी तैयार
Kashi Tamil Sangamam 4.0: बीएचयू–आईआईटी (बीएचयू) करेंगे सात शैक्षणिक कार्यक्रमों की मेजबानी
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 30 नवम्बर: Kashi Tamil Sangamam 4.0: काशी और तमिलनाडु के ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने वाले काशी तमिल संगमम् 4.0 के आयोजन को लेकर वाराणसी पूरी तरह तैयार है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित इस राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी शैक्षणिक साझेदार हैं। दोनों संस्थान 2 से 15 दिसंबर 2025 के बीच सात विशिष्ट समूहों के लिए विषय-आधारित शैक्षणिक सत्रों की श्रृंखला संयुक्त रूप से आयोजित करेंगे।
शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीएचयू के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि काशी तमिल संगमम् की शुरुआत से ही बीएचयू इसकी प्रमुख साझेदार संस्था रहा है। उन्होंने बताया कि बीएचयू और आईआईटी (बीएचयू) ने अतिथियों को काशी की विद्यानिष्ठ और सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। परिसर भ्रमण, संग्रहालय, पुस्तकालय, शोध प्रयोगशालाएँ और शैक्षणिक संसाधन इन अनुभवों का हिस्सा होंगे। कुलपति ने कहा कि काशी ज्ञान और चिंतन की प्राचीन भूमि है, और यह आयोजन ज्ञान-साझाकरण का अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि ‘कर्पोम् तमिल’ विषय के साथ आयोजित इस संगमम् का उद्देश्य तमिल सीखने को सांस्कृतिक संवाद का माध्यम बनाना है। उन्होंने बताया कि एआई, मशीन लर्निंग और कम्प्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स के कारण भाषा-शिक्षण अब अधिक समावेशी और सुलभ हो गया है, जिससे इस आयोजन का प्रभाव और व्यापक होगा।कार्यक्रम के अंतर्गत सात समूहों—विद्यार्थी, शिक्षक, लेखक-मीडिया, कृषि विशेषज्ञ, पेशेवर एवं कारीगर, महिलाएँ और आध्यात्मिक प्रतिनिधि—पर केंद्रित शैक्षणिक सत्र आयोजित किए जाएंगे। ये सत्र क्रमशः महाकवि सुब्रमण्यम भारती की विरासत, काशी-तमिलनाडु की आध्यात्मिक परंपराएँ, साहित्य और पत्रकारिता, सतत खाद्य प्रणाली, काशी–कांचीपुरम संबंध, महिला समृद्धि और ‘दिव्य सूत्र’ विषयों पर आधारित होंगे।
नमो घाट पर बीएचयू और आईआईटी (बीएचयू) अपनी शैक्षणिक और तकनीकी उत्कृष्टता को दर्शाने के लिए विशेष प्रदर्शनी भी लगाएंगे। बीएचयू का स्टॉल बहु-विषयक शिक्षा, शोध, दृश्य एवं प्रदर्शन कलाओं और भारत कला भवन की विशेष प्रस्तुति से सुसज्जित होगा, जबकि आईआईटी (बीएचयू) अत्याधुनिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उपलब्धियों को पाँच विषयगत पोस्टरों और तीन वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित करेगा।
…इस वर्ष संगमम् का एक विशेष आकर्षण है—हिंदी में दक्ष तमिल शिक्षकों द्वारा वाराणसी के 50 स्कूलों में 1,500 छात्रों को 15 दिनों का मौखिक तमिल शिक्षण। यह पहल बीएचयू के भारतीय भाषा विभाग और वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा संचालित की जा रही है, जिसके लिए चेन्नई स्थित CICT ने अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई है।साथ ही, बीएचयू 300 विद्यार्थियों के तमिलनाडु भ्रमण का भी आयोजन कर रहा है। इसके लिए एक ऑनलाइन क्विज़ 7 दिसंबर को आयोजित होगी। चयनित विद्यार्थी तमिल भाषा के साथ-साथ के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन करेंगे.


