Waste Water Treatment Initiative: मध्य रेल की पर्यावरण के अनुकूल अपशिष्ट जल उपचार पहल ने ताजे पानी की खपत में 6.3% की कटौती की
Waste Water Treatment Initiative: ये उपाय जल संरक्षण के संबंध में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) और रेलवे बोर्ड द्वारा जारी मानदंडों के अनुसार किए जाते हैं
मुंबई, 20 जूनः Waste Water Treatment Initiative: मध्य रेल का पर्यावरण और हाउस-कीपिंग मैनेजमेंट (EnHM) विभाग विभिन्न उपायों के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार काम कर रहा है। ये उपाय जल संरक्षण के संबंध में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) और रेलवे बोर्ड द्वारा जारी मानदंडों के अनुसार किए जाते हैं।
मध्य रेल के पास सीवेज और अपशिष्टों के उपचार के लिए 32 से अधिक जल उपचार संयंत्र हैं, जिसके माध्यम से प्रतिदिन एक करोड़ लीटर से अधिक पानी का उपचार किया जाता है, जो पर्यावरण में प्रदूषित पानी के निर्वहन को खत्म करने के अलावा बढ़ते जल संकट के स्थायी समाधान के रूप में आता है। इस उपचारित पानी का उपयोग तब सफाई के उद्देश्यों जैसे पटरियों को धोने, स्टेशन के फर्श को पोंछने आदि के लिए किया जाता है, न कि पीने या खाना पकाने जैसे पीने योग्य उद्देश्यों के लिए।
2022 में, 1575 किलोलीटर प्रति दिन (KLD) पानी के उत्पादन की क्षमता वाले 10 नए जल उपचार संयंत्र चालू किए गए हैं जिनमें शामिल हैं-
- लोकमान्य तिलक टर्मिनस में 120 केएलडी क्षमता के 2 जल पुनर्चक्रण संयंत्र
- अहमदनगर में 50 केएलडी क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी)।
- 200 केएलडी क्षमता वाला नासिक रोड एसटीपी
- अकोला एसटीपी 500 केएलडी क्षमता
- खंडवा एसटीपी 500 केएलडी क्षमता
- कोपरगांव एसटीपी 15 केएलडी क्षमता
- सोलापुर एसटीपी 15 केएलडी क्षमता
- अजनी, नागपुर एसटीपी 40 केएलडी क्षमता के साथ
- 15 केएलडी क्षमता वाला साईनगर शिर्डी एसटीपी
जल संरक्षण में इन व्यापक उपायों के कारण मध्य रेल ने ताजे पानी की खपत में 6.3% की कमी दर्ज की है और पूरे जोन में प्रमुख खपत केंद्रों पर जल लेखापरीक्षा और बचत अनुमानों के माध्यम से जल संसाधनों के संरक्षण में तत्पर है।
क्या आपने यह पढ़ा…. Accident in Dariyapur during Rath Yatra: रथयात्रा के दौरान दरियापुर में हुआ बड़ा हादसा, एक इमारत की बालकनी गिरी
देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें