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Parents will take class: वाराणसी: स्कूल के बाद अब घर पर अभिभावक भी लेंगे क्लास

Parents will take class: कोरोना काल में अक्षर ज्ञान भूल चुके बच्चों के लिए शिक्षा विभाग की अनोखी पहल

  • Parents will take class: एक से तीन तक के बच्चों के लिए सरल भाषा में तैयार किए गए हैं पाठ्यपुस्तक

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 11 सितंबरः
Parents will take class: कोरोना काल में भूल चुके शब्द ज्ञान की जानकारी के लिए शिक्षा विभाग ने अनोखी पहल की है । मिशन प्रेरणा के तहत अब स्कूल के बाद घर में भी छोटे बच्चो की क्लास चलेगी। स्कूल में शिक्षक तो घर पर अभिभावक क्लास लेंगे। यह क्लास एक से कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए होगा। खास यह कि इन बच्चों को अक्षर ज्ञान से लेकर गुणा-गणित एवं वस्तुओं की पहचान के लिए सरल भाषा में पाठ्यपुस्तक तैयार किया गया है। जिससे ग्रामीण इलाकों के अभिभावक उन्हें समझ सके और बच्चों को घर पर ही आसानी से पढ़ा सकें।

मिशन प्रेरणा के तहत यूपी में “अकादमी पार्टनर” के रूप में कार्य कर रही सामाजिक संस्था एलएलएफ की ओर से आज बुधवार को सेवापुरी विकास खंड के बीआरसी सेंटर में आयोजित सेमिनार में यह जानकारी दी । सेमिनार में बीएसए राकेश सिंह ने कहा के बच्चों की पढ़ाई अब स्कूल तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

अभिभावकों को भी इससे जोड़ना होगा। (Parents will take class) इसके लिए शिक्षक हर सप्ताह अभिभावकों से संपर्क करें । स्कूल में दिए गए पाठ्यक्रम बच्चो ने कितना पूरा किया और कितना याद किया, इसके बारे में अभिभावकों से पूछें। उन्होंने कहा कि एलएलएफ ने अक्षर ज्ञान के लिए छोटे बच्चो का जो पाठ्यक्रम तैयार किया है , वह काफी सरल है। इससे बच्चे एवं अभिभावक को भी अक्षर ज्ञान से लेकर गणित तक की समझ विकसित हो सकेगी ।

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Parents will take class: एलएलएफ के स्टेट मैनेजर अरविंद सिंह ने कहा कि कोरोना काल में 16 माह तक स्कूल बंद होने के का सबसे अधिक असर छोटे बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है। बच्चे जो पढ़े थे, वह इस दौरान भूल गए । हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन शिक्षा का कार्य चलता रहा । कई ऐप के जरिए पढ़ाई का कार्य होता रहा। दूरदर्शन एवं रेडियो के अलावा मोहल्ला स्कूल भी शुरू किए। मगर ग्रामीण इलाकों से जुड़े स्कूलों के बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं होने के कारण छोटे बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई। बच्चों ने जो पहले सीखा था वह भूल गए।

इसलिए बच्चों को जल्द से जल्द अक्षर का ज्ञान मिल सके। इसके लिए सरल भाषा में पाठ्यक्रम तैयार करके सभी स्कूलों एवं अभिभावकों को वितरित किया जा रहा हैं। शिक्षकों और अभिभावको ने पुस्तक की सराहना की और कहा कि इससे आसानी से बच्चों में अक्षर ज्ञान की समझ विकसित हो सकेगी। वेबीनार में राज्य अकादमी के समन्वयक साकिब, जिला समन्वयक विमलेश समेत सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और शिक्षिकाएं जुड़े रहे।

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