Arvind Manish

8 लाख बच्चों को मिड-डे-मील के तहत मिलेगा सूखा राशन, सीएम अरविंद केजरीवाल ने की योजना की शुरूआत

Delhi CM Arvind Kejriwal Distribute Mid day Meal

जब तक स्कूल नहीं खुलेंगे, तब तक दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 8 लाख बच्चों को मिड-डे-मील के तहत मिलेगा सूखा राशन, सीएम अरविंद केजरीवाल ने की योजना की शुरूआत

  • आज भी वही शिक्षक और बच्चे हैं, लेकिन माहौल बदल गया है, अब दुनिया भर के लोग दिल्ली के स्कूल देखने आते हैं, यह दिल्ली वालों के लिए गर्व की बात है- अरविंद केजरीवाल
  • कोरोना काल में हमारे शिक्षकों ने शानदार काम किया, हमारे स्कूलों के 94 प्रतिशत बच्चे अभी भी आॅनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली सरकार द्वारा आँटो और टैक्सी चालकों के लिए किए गए काम की तारीफ गोवा तक हो रही है- अरविंद केजरीवाल
  • यह अपने आप में एक मिसाल है कि कोई मुख्यमंत्री टैक्सी ड्राइवर का एसएमएस पढ़ता है और उसका संज्ञान लेकर 24 घंटे के अंदर रोड टैक्स माफ करने का आदेश जारी करता है- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 8 लाख बच्चों को सूखा राशन दिया जा रहा है, जब तक स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे, तब तक यह योजना जारी रहेगी- मनीष सिसोदिया
  • सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मिड-डे-मील योजना के तहत एसकेवी नंबर-3 मंडावली में दिल्ली सरकार के स्कूली छात्रों में सूखे राशन का किट वितरण किया
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रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली

नई दिल्ली, 29 दिसंबर, 2020: दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 8 लाख बच्चों को मिड-डे-मील योजना के तहत सूखा राशन देगी। जब तक स्कूल फिर से नहीं खुल जाते हैं, तब तक यह योजना जारी रहेगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंडावली स्थित एसकेवी नंबर-3 स्कूल में बच्चों को सूखे राशन का किट बांट कर इसकी शुरूआत की। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में आज भी वही शिक्षक और बच्चे हैं, लेकिन माहौल बदल गया है। अब हमारे बच्चों के आईआईटी और मेडिकल में एडमिशन हो रहे हैं और दुनिया भर के लोग दिल्ली के स्कूल देखने आते हैं। यह दिल्ली वालों के लिए गर्व की बात है। कोरोना काल में भी हमारे स्कूलों के 94 प्रतिशत बच्चे अभी भी आॅनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा आॅटो-टैक्सी चालकों के लिए किए गए काम की तारीफ गोवा तक हो रही है। यह भी अपने आप में एक मिसाल है कि कोई मुख्यमंत्री टैक्सी ड्राइवर का एसएमएस पढ़ता है और उसका संज्ञान लेकर 24 घंटे के अंदर रोड टैक्स माफ करने का आदेश देता है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

पहले स्कूलों में सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन आज माहौल बदल गया है, अब हमारे बच्चों के एडमिशन आईआईटी और मेडिकल में हो रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
मंडावली स्थित एसकेवी नंबर-3 में मिड-डे-मील योजना के तहत दिल्ली सरकार के स्कूली छात्रों को सूखे राशन का किट वितरण कार्यक्रम के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब मुझे इस कार्यक्रम के लिए बुलाया गया था, तब मैंने कहा था कि मैं स्कूल भी देखूंगा। इसलिए मैने यहां आकर स्कूल भ्रमण करके देखा। स्कूल बहुत ही शानदार है। पूरे देश भर में इस तरह के सरकारी स्कूल देखने को नहीं मिलते हैं। पहले स्कूलों की दशा काफी खराब होती थी। स्कूल टूटे-फूटे होते थे, टूटी फूटी दीवारें होती थीं। स्कूलों में डेस्क नहीं होते थे, बोर्ड ठीक से नहीं होते थे। स्कूलों में सुविधाएं नहीं होती थी। स्कूलों का माहौल बड़ा गंदा होता था। इस वजह से न पढ़ने का मन करता था और न पढ़ाने का मन करता था। अगर पढ़ाई नहीं होती थी, तो हम कहते थे कि अध्यापक पढ़ा नहीं रहे हैं। अध्यापक तो आज भी वही हैं, लेकिन वही अध्यापक आज बहुत शानदार पढ़ा रहे हैं, क्योंकि माहौल बदल गया है। वही अध्यापक आज कमाल करके दिखा रहे हैं। हमारे बच्चों के आईआईटी, डॉक्टरी, वकालत में दाखिले हो रहे हैं। वही छात्र हैं, वही अध्यापक हैं, लेकिन माहौल बदल गया है। यह स्कूल हमारे दिल्ली के लोगों के लिए बड़े गर्व और शान की बात बनते जा रहे हैं। दुनिया और देश भर से लोग अब अपने स्कूल देखने के लिए दिल्ली आते हैं। आज आपका स्कूल देख कर के मेरा मन भी बड़ा खुश हो गया।

Delhi CM Arvind Kejriwal Distribute Mid day Meal

हर बच्चे के अनुसार छह महीने का राशन परिवार को दिया जाएगा, बच्चों की पौष्टिक आहार में किसी भी तरह की कमी नहीं आनी चाहिए- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हम लोग यहां पर बच्चों के मिड-डे-मील के ड्राई राशन वितरित करने का कार्यक्रम शुरू करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। पिछले 9 महीने बहुत मुश्किल से गुजरे और अब यह मुश्किल कब खत्म होगी इसकी उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। दुनिया भर में कह रहे हैं कि वैक्सीन तो आ गई है। हमारे देश में भी उम्मीद है कि जल्द आ जाएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि इस वैक्सीन से समाधान निकल आए, ताकि फिर से जिंदगी पटरी पर आ जाए। जब तक वैक्सीन नहीं आती और चीजें ठीक नहीं होती हैं, तब तक अपने को हर चीज का कुछ न कुछ समाधान निकालना पड़ेगा। पिछले 9 महीने में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हुई है। बच्चे कमरे में बंद होकर नहीं रह सकते, बच्चों के अंदर उर्जा होती है। बच्चे इधर उधर उछल-कूद करना चाहते हैं। स्कूल जाना चाहते हैं और खेल कूद करना चाहते हैं, लेकिन सब चीजें बंद करनी पड़ीं। जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि बच्चे कंप्यूटर और फोन के आगे बैठ कर पढ़ाई किया करेंगे। पहले अगर बच्चा ज्यादा कंप्यूटर पर बैठता था, तो मां-बाप कहते थे कि कंप्यूटर छोड़ दे, आंखें खराब हो जाएंगी। अब कहते हैं कि कंप्यूटर के सामने थोड़ी देर पढ़ ले, अब पूरा माहौल ही बदल गया है। मुझे बेहद खुशी है कि इस दौरान हमारे अध्यापकों ने बहुत शानदार काम किया। जैसा अभी शिक्षा मंत्री जी ने बताया कि हमारे 94 प्रतिशत बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं अभी भी चल रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पहले कोशिश की कि मिड डे मील का जो पैसा बनता है, वह अभिभावकों के खाते में डाल दिया जाए, ताकि बच्चों को अच्छा भोजन मिलता रहे। फिर कई अभिभावकों ने कहा कि पैसा तो देते हैं, लेकिन कहीं भी खर्च हो जाता है। इसकी जगह अगर सीधे राशन दे दिया जाए, तो अच्छा रहेगा। ऐसे में आज राशन देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हर बच्चे के मुताबिक जितना राशन बनता है, उतना 6 महीने का राशन हर परिवार को दे दिया जाएगा। बच्चों के पौष्टिक आहार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए।

लाॅकडाउन के दौरान लोगों को खाने की कम से कम दिक्कत हो, इसके लिए दिल्ली सरकार ने प्रतिदिन 10 लाख लोगों को लंच व डिनर कराया और आर्थिक सहायता भी दी- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉक डाउन सबसे मुश्किल दौर था। कोरोना के समय में मुश्किल अभी भी है, लेकिन अभी कम से कम जिंदगी चल पड़ी है। लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो गया था। उस लॉकडाउन के दौरान लोगों की रोजी-रोटी खत्म हो गई। नौकरी चली गई, दुकानें बंद हो गईं। न टैक्सी चलती थी, न ऑटो चलते थे और बाजार बंद थे। ऐसे में गरीब आदमी कहां से पैसे लाएगा। खास तौर पर वो आदमी जो रोज कमाता है और रोज खाता है। उसके लिए तो खाने के लाले पड़ गए थे। कौन सरकार कितनी जिम्मेदार है और कौन सरकार इतने कठिन समय में अपने लोगों का ख्याल रखती है, यह सभी सरकारों के लिए परीक्षा का दौर था। उस वक्त हमने पूरी कोशिश की कि हमारे लोगों को कम से कम खाने की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम किसी को बहुत ज्यादा तो नहीं दे सकते थे। उस दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से 10 लाख लोगों के लिए रोज खाना बनता था। दिल्ली सरकार और एमसीडी के स्कूल खुलवा कर सभी में इंतजाम किया था। सरकार खाना पकाकर रोजाना 10 लाख लोगों को लंच और डिनर खिलाती थी। उसमें ऐसा नहीं था कि वो सिर्फ बीपीएल के लिए हो, कोई भी आ जाए। यह एक तरह से लंगर था और धर्म का काम था। कोई लाइन में लग जाए और कोई भी आकर खाना खा ले। उस समय 10 लाख लोग खाना खाते थे। उसको तब तक चलाते रहे, जब तक लाइनें लगनी बंद नहीं हो गई। जब लोगों ने आना बंद कर दिया, तभी हमने उसे बंद किया। 

CM Arvind Kejriwal & Vice CM Manish Sisodia Visit Delhi school Mandawali

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राशन की दुकानों के जरिए 3 महीने तक हर माह एक करोड़ लोगों को हमने सूखा राशन पहुंचाया था। दिल्ली की आबादी 2 करोड़ है, यानि दिल्ली की 50 फीसदी आबादी को हमने गेहूं, चावल, दाल, तेल और मसाले 3 महीने दिया, ताकि कोई भूखा न मरे। दिल्ली के जितने बुजुर्ग हैं, उनकी पेंशन दोगुनी कर दी। लॉकडाउन के समय में पेशन ढाई हजार की जगह 5-5 हजार महीने कर दी थी। दिल्ली में जितनी विधवाएं हैं, उन सभी की पेंशन हमने दोगुनी कर दी। उस समय पर पेंशन ढाई हजार से पांच हजार रुपए कर दी थी। दिल्ली में जितने मजदूर हैं, जो निर्माण श्रमिक हैं, उन लोगों को हमने लॉकडाउन के दौरान पांच-पांच हजार रुपए खाते में डलवा दिए। क्योंकि निर्माण कार्य तो उन दिनों में चल नहीं रहा था। ऐसे में जो दिहाड़ी मजदूर हैं, वह पैसा कहां से लाएगा। दिल्ली के जितने टैक्सी-ऑटो ड्राइवर हैं, उन सब के खातों में हमने पांच-पांच हजार रुपए डलवा दिए। जब तक लॉकडाउन चला तब तक हमने पांच-पांच हजार रुपए हर महीने उनके खाते में डलवाए।

दिल्ली सरकार द्वारा आँटो-टैक्सी चालकों के लिए किए गए काम की तारीफ गोवा तक हो रही है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ टैक्सी ड्राइवर अभी गोवा से दिल्ली आए हुए थे। उन्होंने मेरे कार्यालय में फोन किया कि हम मुख्यमंत्री जी से मिलना है। जब लोग दिल्ली आते हैं, तो कई बार फोन करते हैं कि हमें मुख्यमंत्री जी से मिलना है। मेरे पास अगर समय होता है तो मैं वैसे ही मिल लेता हूं। इससे पता चलता है कि उनके राज्य में क्या चल रहा है और हमारे राज्य में क्या चल रहा है। मैंने उनको मिलने के लिए बुला लिया। उनमें से एक योगेश टैक्सी ड्राइवर था, जो उन सबको लेकर आया था। उसने कहा कि दिल्ली में कुछ काम था, तो गोवा से आए हैं। आपके स्कूलों के बारे में बड़ा सुना था, तो हमने आपके स्कूल देखे। स्कूल, अस्पताल बहुत शानदार हैं। योगेश ने बताया कहा कि आपने टैक्सी और ऑटो ड्राइवर के लिए जो काम किया, वो किसी सरकार ने नहीं किया। इस पर मैंने कहा कि क्या काम किया है? तो उन्होंने कहा कि आपने कोरोना के समय पर पांच-पांच रुपए महीना दिए। मुझे बड़ी खुशी हुई कि दिल्ली के ऑटो चालक और टैक्सी चालक को जो 5-5 हजार रुपए हमने दिए उसकी चर्चा गोवा के अंदर भी हो रही है। गोवा के टैक्सी ड्राइवर भी इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने उनके खातों में पांच-पांच हजार रुपए डाले। टैक्सी ड्राइवर बोले कि आज तक कोई भी सरकार नहीं आई, जो टैक्सी, ऑटो ड्राइवरों के बारे में सोचें। मैंने फिर उन्हें बिठाकर समझाया कि हमने केवल कोरोना-कोरोना में नहीं किया। हमारी सरकार जब बनी थी, तब टैक्सी-ऑटो चालकों को सरकार से 100 काम पड़ते हैं। हर काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ती थी। हमने सारे नियम व कायदे कानून बदल दिए। अब अगर आपको जितने काम सरकार से कराने पड़ते हैं। अब हमारे ड्राइवरों को कोई रिश्वत नहीं देनी पड़ती। सब बदल दिया है, क्योंकि अब ईमानदार सरकार आ गई है। दिल्ली के काम की तारीफ पूरे देश में होती है।

यह अपने आप में एक मिसाल है कि कोई मुख्यमंत्री टैक्सी ड्राइवर का एसएमएस पढ़ता है और उसका संज्ञान लेकर 24 घंटे के अंदर रोड टैक्स माफ करने का आदेश जारी करता है- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी-अभी चार-पांच दिन पहले मेरे पास एक दिल्ली के टैक्सी ड्राइवर का एसएमएस आया। उसने लिखा कि हमें कोरोना के समय पर रोड टैक्स जमा कराना था। रोड टैक्स जमा नहीं करा पाए, क्योंकि पैसे नहीं थे। अब उस पर जुर्माना लग रहा है। यह जुर्माना माफ करवा दीजिए। हमने 24 घंटे के अंदर आदेश पास कर उनका जुर्माना माफ कर दिया। मुझे लगता है कि अपने आप में शायद यह एक अलग मिसाल होगी कि कोई टैक्सी ड्राइवर अपने राज्य के मुख्यमंत्री को एसएमएस कर सकता है। उस राज्य का मुख्यमंत्री टैक्सी ड्राइवर का एसएमएस पढ़ता है। उसके ऊपर संज्ञान लेकर 24 घंटे के अंदर पूरे राज्य के लिए आदेश भी हो जाता है। वह केवल इसीलिए, क्योंकि यह आम आदमी की सरकार है, आम लोगों की सरकार है। हम आम आदमी से जुड़े हुए हैं। हमें पता है कि दिल्ली के किस तबके को, किस किस्म की कहां परेशानियां हो रही हैं। हमें जैसे ही पता चलता है कि कहीं, किसी भी जगह लोगों को परेशानी हो रही है। तुरंत आपकी सरकार आपके लिए काम करती है। आज यहां जितने लोग आए हुए हैं और सभी अभिभावकों से मैं कहना चाहूंगा कि यह वक्त बड़ा मुश्किल दौर है। खासतौर पर बच्चों के लिए तो बहुत मुश्किल है। इस दौर में बच्चे आप लोगों को अपने अपने घर में काफी परेशान भी कर रहे होंगे। बच्चों का अच्छे से ख्याल रखना। इस दौरान कोशिश करना कि अच्छे से पढ़ सकें और ऑनलाइन कक्षाएं ले सकें। आप मां बाप हैं, उनके लिए जो राशन लेकर जा रहे हो, केवल इस राशन से ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से उनके खाने-पीने का ख्याल रखना। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द से जल्द हमारी वैक्सीन आएगी और इस कोरोना काल से लोगों को मुक्ति मिलेगी।

दिल्ली के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 8 लाख बच्चों को सूखा राशन दिया जा रहा है, जब तक स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे, तब तक यह योजना जारी रहेगी- मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मंडावली के इसी स्कूल का दौरा करने के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने मंत्री सतेंद्र जैन को निर्देश दिया था कि सभी स्कूलों के अच्छे भवन बनाए जाएं। अब इस स्कूल की शानदार इमारत देखकर काफी गर्व होता है। कोरोना की वैक्सीन तो बन जाएगी, लेकिन शिक्षा के नुकसान की भरपाई मुश्किल है। हम रोज ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि स्कूल फिर से आबाद हों
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है, लेकिन मुझे गर्व है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद टीम एजुकेशन ने हिम्मत नहीं छोड़ी। सबने मेहनत करके 94 प्रतिशत बच्चों तक ऑनलाइन और सेमी ऑनलाइन के जरिए पहुंचने की बड़ी सफलता हासिल की। स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे-मील बंद होना भी एक बड़ी समस्या थी। बहुत से परिवारों के पास दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल था। 

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