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Historic year of Rajkot Rail Division: राजकोट रेल मंडल का उपलब्धियों से भरा ऐतिहासिक वर्ष

Historic year of Rajkot Rail Division: वार्षिक राउंड-अप 2025 : राजकोट रेल मंडल का उपलब्धियों से भरा ऐतिहासिक वर्ष

राजकोट, 28 दिसम्बर: Historic year of Rajkot Rail Division: कैलेंडर वर्ष 2025 पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल के लिए एक ऐतिहासिक, परिवर्तनकारी और उपलब्धियों से परिपूर्ण वर्ष के रूप में उभरकर सामने आया। यह वर्ष राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं, रिकॉर्ड अवसंरचना विकास, उत्कृष्ट परिचालन प्रदर्शन तथा यात्री सुरक्षा, सेवा गुणवत्ता, डिजिटल गवर्नेंस, राजस्व वृद्धि और सतत विकास पर केंद्रित निरंतर प्रयासों का सशक्त उदाहरण रहा। वर्ष भर राजकोट मंडल ने आधुनिकता के साथ विरासत, विकास के साथ अनुशासन तथा विस्तार के साथ सुरक्षा का संतुलित समन्वय करते हुए अपनी कार्यक्षमता का प्रभावी प्रदर्शन किया।

अवसंरचना विस्तार एवं संरक्षा कार्य : संपर्क और लॉजिस्टिक्स में क्रांतिकारी सुधार
• वर्ष 2025 के दौरान राजकोट मंडल ने अवसंरचना सुदृढ़ीकरण और संरक्षा संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं। इस अवधि में 6 रोड ओवर ब्रिज एवं 1 रोड अंडर ब्रिज का निर्माण पूरा किया गया, 11 मानवयुक्त समपार फाटकों का उन्मूलन किया गया।
• 70 किलोमीटर डब्ल्यू-बीम फेंसिंग स्थापित की गई, जिससे यात्रियों की सुरक्षा एवं परिचालन दक्षता में अभूतपूर्व सुधार हुआ।
• राजकोट–हडमतिया खंड (39 किमी, ₹377 करोड़) का दोहरीकरण कार्य, जो राजकोट–कानालुस (111 किमी) दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा है, पूर्ण कर लिया गया। इससे नेटवर्क क्षमता, परिचालन लचीलापन और संरचनात्मक मजबूती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
• इस परियोजना के अंतर्गत 15 नए बड़े पुलों एवं 74 नए छोटे पुलों का निर्माण पूर्ण किया गया। साथ ही पड़धारी, चणोल, हडमतिया, लाखाबावल, पीपली एवं कानालुस स्टेशनों पर नए प्लेटफार्म विकसित किए गए।
• अमृत भारत स्टेशन योजना (ABSS) के अंतर्गत मोरबी, जामवन्थली, हापा, कानालुस, मीठापुर एवं ओखा स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
• इसके अतिरिक्त, मोरबी स्टेशन पर कर्मचारियों की सुविधा हेतु सामुदायिक भवन (कम्युनिटी हॉल) का निर्माण किया गया।
• 20 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर रबराइज्ड फ्लोरिंग उपलब्ध कराई गई।

100 प्रतिशत विद्युतीकरण : सतत एवं ऊर्जा-कुशल परिचालन की दिशा में बड़ी उपलब्धि
राजकोट मंडल ने अपने संपूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100% विद्युतीकरण प्राप्त कर लिया है। इससे पश्चिम रेलवे देश के पूर्णतः विद्युतीकृत रेल नेटवर्क वाले क्षेत्रों में सशक्त रूप से स्थापित हुआ है और सतत, पर्यावरण-अनुकूल एवं ऊर्जा-कुशल रेल परिचालन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और अधिक सुदृढ़ हुई है।

परिचालन उत्कृष्टता एवं समयपालन में अग्रणी प्रदर्शन
वर्ष 2025 के दौरान राजकोट मंडल ने मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में लगभग 95% समयपालनता दर्ज कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। यह सफलता भारी मानसून, अत्यधिक यातायात दबाव, बड़े पैमाने पर त्योहार विशेष ट्रेनों के संचालन तथा निरंतर अवसंरचना कार्यों के बावजूद प्राप्त हुई, जो मंडल की मजबूत परिचालन योजना, वास्तविक-समय निगरानी और अनुशासित नियंत्रण व्यवस्था को दर्शाती है।

यात्री सेवाओं का विस्तार एवं बढ़ती मांग का प्रभावी प्रबंधन
नई नियमित रेल सेवाओं की शुरुआत तथा ग्रीष्मकालीन अवकाश, गणपति, दीवाली-छठ और क्रिसमस/नववर्ष जैसे अवसरों पर बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनों के संचालन से यात्री संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस वर्ष वेरावल–साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस तथा राजकोट–पोरबंदर के बीच दो लोकल ट्रेनों का शुभारंभ किया गया, जिससे क्षेत्रीय रेल संपर्क और अधिक सुदृढ़ हुआ। इसके अतिरिक्त, अस्थायी एवं स्थायी आधार पर ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े गए, जिससे यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम यात्रा उपलब्ध हो सकी।

डिजिटल परिवर्तन एवं स्मार्ट गवर्नेंस
• राजकोट मंडल ने 170 हैंड-हेल्ड टर्मिनल (HHTs) की तैनाती के साथ 100% डिजिटल टिकट जांच हासिल की।
• रेल मदद शिकायत निवारण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राजकोट मंडल ने वर्ष 2024-25 में पश्चिम रेलवे में प्रथम स्थान प्राप्त किया और Best Performance in Rail Madad का शील्ड अर्जित किया।

फ्रेट सेक्टर : उद्योगों को नई गति
3 सितम्बर, 2025 से मकनसर फ्रेट टर्मिनल से कंटेनर ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ होने से मोरबी एवं आसपास के उद्योगों को नई रेल कनेक्टिविटी मिली। राजकोट मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (BDU) ने मोरबी की सिरेमिक टाइल्स का कंटेनर लोड कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जिससे माल ढुलाई लागत में कमी आई और उद्योगों को देशभर में माल भेजने की बेहतर सुविधा मिली। उल्लेखनीय है कि मकनसर स्थित गति शक्ति कार्गो टर्मिनल गुजरात सरकार एवं रेल मंत्रालय की संयुक्त पहल है, जो पीएम गति शक्ति नीति के अंतर्गत विकसित किया गया है।

स्वास्थ्य सेवाएँ एवं कर्मचारी कल्याण
डिवीज़नल रेलवे अस्पताल, राजकोट भारतीय रेल का पहला अस्पताल बना जिसे NABL (MELT) मान्यता प्राप्त हुई। इसके साथ ही राजकोट की पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं को भी NABL मान्यता प्रदान की गई, जिससे कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो सकीं।

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सततता एवं हरित पहल
• 100% विद्युतीकरण, ग्रीन पावर के उपयोग और सौर ऊर्जा पहलों के माध्यम से पश्चिम रेलवे ने अपने कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी की है।
• राजकोट स्टेशन को ISO 14001:2015 प्रमाणन प्राप्त हुआ, जो पर्यावरण-अनुकूल स्टेशन प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
• इसके अतिरिक्त, सुरेन्द्रनगर, राजकोट, जामनगर, द्वारका, भक्तिनगर, वांकानेर एवं हापा स्टेशनों तथा राजकोट मंडल रेलवे अस्पताल कैंटीन को “ईट राइट” प्रमाणन प्राप्त हुआ।

100% विद्युतीकरण, समयपालन में उत्कृष्टता, रिकॉर्ड अवसंरचना विकास, डिजिटल परिवर्तन और जन-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ वर्ष 2025 पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध हुआ है। इन उपलब्धियों ने भविष्य के नवाचार, विकास और सशक्त रेल परिचालन के लिए एक मजबूत एवं लचीली नींव रखी है।

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