Rudra narayan jha

Rudra Narayan Jha: समाजवादी चिंतक रुद्र नारायण झा जन्मशती समारोह

Rudra Narayan Jha: डॉ राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, मधु लिमये के निकटस्थ रूद्र नारायण झा का जन्म हुआ 1925 मे तत्कालीन मुंगेर जिला (अब बेगूसराय) के खुटहा ग्राम में

  • रूद्र नारायण झा 1968 से 1971 तक रहे राज्यसभा सांसद
  • संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रहे रूद्र नारायण जी की असामयिक मृत्यु के उपरांत, इनके बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी उठाई थी कर्पूरी ठाकुर ने
  • रूद्र बाबू की प्रारंभिक शिक्षा हुई थी मंझोल के जयमंगला हाई स्कूल से
ram shankar singh
लेखक: डॉ राम शंकर सिंह

प्रख्यात समाजवादी चिंतक रूद्र नारायण झा (Rudra Narayan Jha) की जन्मशती समारोह शनिवार 20 दिसंबर को, बेगूसराय जिले के निपनियाँ ग्राम मे मनाई जा रही है. रूद्र नारायण जी के कनिष्ट पुत्र चंद्र प्रकाश झा ( चंदू बाबू ) के निपनियाँ कादिर चक स्थित आवास पर आयोजित जन्म शती समारोह मे साहित्यकार, संगीतकार, पत्रकार, राजनीतिज्ञ और समाजसेवी, रूद्र बाबू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालेंगे. रूद्र नारायण झा के पिता कीर्ति नारायण झा एवं माता जगतारिणी देवी, तत्कालीन मुंगेर जिला स्थित बछवाड़ा प्रखंड के रानी ग्राम के निवासी थे। इनके नानी और माता दोनों शिक्षिका थी। रूद्र नारायण जी का जन्म 20 दिसंबर 1925 को अपने ननिहाल खुटहा में हुआ था।कीर्ति नारायण झा मंझौल के ख्यात जमींदार फुलेना सिंह के आध्यात्मिक गुरु थे।

आध्यात्मिक ज्ञान की वजह से कीर्ति नारायण झा ने मंझोल मे ठाकुरबाड़ी की स्थापना की थी. वे ठाकुर जी की गुणवत्तापूर्ण आराधना के लिए प्रतिष्ठित थे। कीर्ति नारायण झा फुलेना बाबू की ठाकुरवाड़ी के मुख्य पुजारी थे इसलिए रुद्र नारायण झा की प्रारंभिक शिक्षा मंझौल में हुई।

जयमंगला हाई स्कूल मंझौल से उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई थीं। मंझौल में ठाकुरवाड़ी के पास ही पचमहला में निकट रिश्तेदार फूल कुमारी देवी के संरक्षण में रुद्र नारायण झा का लालन पालन हुआ था। मंझौल से प्रारंभिक शिक्षा के बाद आरडीजे कॉलेज मुंगेर से इन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूर्ण की. मंझौल इनके जीवन का प्रारब्ध था।

मंझौल में टीक – जनेऊ आंदोलन में शामिल होने की वजह से, मुंगेर जिला के प्रथम विधवा विवाह में उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई थी। जिस विद्युर को विधवा से शादी करने के जुर्म में ग्राम निष्कासन हुआ था, उन्हें पुनः ग्राम प्रवेश कराने के लिए समाजवादी युवा जमात की ओर से आयोजित सत्यनारायण पूजा में रुद्र नारायण झा पुजारी बने थे। उक्त विधवा विवाह और सत्यनारायण पूजा उस वक्त, पूरे बिहार में बहुत चर्चित हुआ था।

रूद्र नारायण झा मंझौल के प्रतिष्ठित नागरिक, और समाज सुधारक रामखेलावन शास्त्री से निकट होते हुए स्वतंत्रता सेनानी कॉमरेड ब्रह्मदेव और समाजवादी नेता राम नारायण चौधरी के ज्यादा करीब थे. रूद्र बाबू का कांग्रेसियों एवं समाजवादियों से निकट संबंध था. उस दौर मे आप प्रताप के संपादक गणेश शंकर विद्यार्थी से मिलने कानपुर पहुंचे। इनके बड़े भाई रास बिहारी झा कानपुर स्थित एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। बड़े भाई के साथ प्रवास करते हुए गणेश शंकर विद्यार्थी के क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़ गये. परन्तु विद्यार्थी जी के खिलाफ पुलिस दबिश की वजह से, कुछ माह बाद ही वे कानपुर छोड़कर वापस मंझौल लौट आए।

रुद्र नारायण झा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के मुंगेर जिला के 15 वर्षों तक सचिव ।इनकी शादी शिक्षिका कुंती देवी से हुई। रूद्र बाबू को जयप्रकाश नारायण ने समाजवादियों की प्रसिद्ध पत्रिका ” जनता ” के प्रबंधन की जिम्मेवारी दी थी। 1963 में रुद्र नारायण झा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के मुंगेर जिला अध्यक्ष थे. उसी वर्ष प्रसिद्ध समाजवादी मधु लिमये को मुंगेर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया और उस चुनाव मे मधु लिमये की जीत हुई। इस जीत से रुद्र नारायण झा की ख्याति देश भर में हो गई। रूद्र बाबू हिंद मजदूर सभा, रेलवे यूनियन जैसे मजदूर संगठनों की बड़ी जिम्मेवारी संभालते हुए श्रमिकों के आंदोलनों में कई बार जेल गए।

सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर प्रजा पार्टी के विलय के बाद इनकी सांगठनिक क्षमता को देखते हुए इन्हें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ( संसोपा ) का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

यह भी पढ़ें:- New initiative of VDA: वाराणसी के व्यवस्थित विकास हेतु वी डी ए की नई पहल

रुद्र नारायण झा के नेतृत्व में संसोपा ने 1967 में बिहार में अभूतपूर्व जीत हासिल की। इसी दरम्यान इन्हें संसोपा के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई और 1968 में राज्यसभा सांसद मनोनीत हुए। राम मनोहर लोहिया,आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण,मधु दंडवते,मधु लिमये सदृश प्रसिद्ध समाजवादियों से रुद्र नारायण झा के निकट संबंध रहे।

1971 मे एक वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान रास्ते मे, सांसद रूद्र नारायण झा की, बेगूसराय के बलिया में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई. उस वक्त इस सड़क दुर्घटना को एक राजनीतिक षडयंत्र माना गया था। परिवारजन अभी भी उनकी मौत को एक रहस्य मानते हैं। रुद्र नारायण झा की आसामयिक मौत के बाद, प्रख्यात समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर ने इनके बच्चों के देख भाल की जिम्मेवारी ली. रूद्र बाबू के बड़े पुत्र अरुण प्रकाश ने कर्पूरी जी के सान्निध्य में उनके शाहपुर पटोरी कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई पूर्ण की। दिवंगत अरुण प्रकाश कथाकार के रूप में देश में प्रतिष्ठित हुए। रूद्र बाबू के कनिष्ठ पुत्र चन्द्र प्रकाश झा ( चंदू बाबू ), भारत सरकार के पटना स्थित नाट्य प्रभाग के निदेशक थे. सेवा निवृत्ति के उपरांत चंदू बाबू वर्तमान मे अपने पैतृक ग्राम निपनिया में निवास करते हैं।

OB banner
देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें